नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज कहा कि उसने झारखंड को स्पष्ट कर दिया है कि कोयला उत्खनन के लिये कोल इंडिया से 25,000 करोड़ रुपये का राज्य सरकार के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है. केंद्र का यह बयान झारखंड सरकार के दावे के एक दिन बाद आया है. झारखंड सरकार ने राज्य […]
नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज कहा कि उसने झारखंड को स्पष्ट कर दिया है कि कोयला उत्खनन के लिये कोल इंडिया से 25,000 करोड़ रुपये का राज्य सरकार के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है.
केंद्र का यह बयान झारखंड सरकार के दावे के एक दिन बाद आया है. झारखंड सरकार ने राज्य में बिना कोई मुआवजा दिये कोयला खनन के लिये शुरुआती आकलन के आधार पर कोल इंडिया लि. से 25,000 करोड़ रुपये की मांग की है. यह राशि बढ़ भी सकती है.कोयला सचिव एस के श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘कानून के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत राज्य सरकार को राज्य में खनन के लिये कोल इंडिया को कोई राशि का भुगतान करना पड़ेगा। केंद्र ने राज्य को यह स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के दावे पर विचार नहीं किया जा सकता.’
सूत्रों ने कहा कि उत्पादन में कमी तथा अन्य समस्याओं से जूझ रही कोल इंडिया ने देश के सोलिसीटर जनरल (मोहन परशरन) से इस बारे में राय मांगी है. उनका कहना है कि ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत राज्य ऐसा दावा कर सकता है.हालांकि, राज्य के अधिकारियों का कहना है कि उनका दावा उपयुक्त है क्योंकि कोल इंडिया निजी जमीन के मामले में संबंधित लोगों को मुआवजा दिया है लेकिन उसने सरकारी जमीन के उपयोग के एवज में कोई राशि नहीं दी.