हैदराबाद : छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले एक महत्वपूर्ण माओवादी नेता ने आंध्र प्रदेश पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया क्योंकि वह नक्सल आंदोलन से निराश था.पुलिस महानिदेशक बी प्रसाद राव ने आज यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘भाकपा (माओवादी) की नीतियों से निराश होकर और खराब स्वास्थ्य के चलते गुडसा उसेंडी (45) और उसकी पत्नी संतोषी मारकम ने दो दिन पहले आंध्र प्रदेश पुलिस के सामने समर्पण कर दिया.’’
जीवीके प्रसाद उर्फ गुडसा उसेंडी दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी (डीकेएसजैडसी) का प्रवक्ता था और मारकम उर्फ जेनी डीकेएसजैडसी प्रेस इकाई की डिवीजनल कमेटी सदस्य थी.पुलिस महानिदेशक ने कहा कि उसेंडी ने नीतियों और रणनीति में केंद्रीय समिति से वैचारिक भिन्नता के चलते आंदोलन छोड़ दिया और 2007 से वह कई मौकों पर इस बारे में माओवादी पार्टी में चर्चा करता रहा. उन्होंने बताया कि वारंगल जिले के कादवेंडी गांव निवासी उसेंडी स्कूली इमारतों को नष्ट करने, उच्च क्षमता वाले विद्युत तारों और सड़कों को नष्ट किए जाने तथा भेदिया करार देकर निर्दोष नागरिकों को मारे जाने का विरोध करता था.
शुरुआती जीवन में माओवादी विचारधारा की तरफ आकर्षित होकर वह 1985 में आंदोलन में शामिल हुआ और करीब 28 साल तक भूमिगत गतिविधियों में सक्रिय रहा. उस पर 20 लाख रुपये का नकद इनाम था और आंध्र प्रदेश सरकार की नीति के तहत उसे पुनर्वास के लिए राशि दी जाएगी. एक सवाल के जवाब में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि केंद्रीय समिति के 17 सदस्यों में से छह आंध्र प्रदेश से हैं.