कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम के नारायणन ने न्यायमूर्ति अशोक गांगुली का पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.उच्च पदस्थ सूत्रों ने यहां कहा, राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और राज्य सरकार को उसकी सूचना दे दी है. न्यायमूर्ति गांगुली ने कल राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात की थी लेकिन उन्होंने खुद इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
ए के गांगुली ने अपने त्यागपत्र में कहा है कि मीडिया में मेरे खिलाफ लग रहे आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं और मैं उनका खंडन करता हूं.उन्होंने कहा है कि मुझे हटाने के लिए राष्ट्रपति को की गयी कथित सिफारिश ‘‘अपुष्ट और गलत धारणा ’’ पर आधारित है. जबतक मैं मर्यादा एवं सम्मान के साथ काम नहीं कर सकता तबतक किसी भी पद से मुझे कोई लगाव नहीं है. मैं समझता हूं कि वर्तमान स्थिति में यह संभव नहीं है.
गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस मामले पर राष्ट्रपति की ओर से उच्चतम न्यायालय को सिफारिश भिजवाने के प्रस्ताव पर सहमति बनने के बाद यह घटनाक्रम हुआ है. राष्ट्रपति की ओर से शीर्ष अदालत को भेजी जाने वाली सिफारिश को गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने के कदम के रुप में देखा जा रहा था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन सेवानिवृत्त न्यायाधीश के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखा था.