नयी दिल्ली : देश में शिक्षकों की कमी से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के प्रभावित होने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अन्य संबद्ध पक्षों को इस मुद्दे पर तत्परता से विचार कर नये तरीकों से समाधान खोजना चाहिए. प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में यह उल्लेख भी किया कि देश के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों की गिनती विश्व के श्रेष्ठ संस्थानों में नहीं होती है. गुणवत्ता उच्च शिक्षा क्षेत्र में बड़ी चिंता का विषय है.
उन्होंने यूजीसी और अन्य संबद्ध पक्षों से आग्रह किया कि वे गुणवत्ता और शिक्षकों की कमी जैसे मुद्दों पर तत्काल विचार करें और इनका हल करने के लिए नये तरीके खोजें. उन्होंने कहा, अकेले आइआइटी में 32 प्रतिशत और देश के लगभग सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. वश्वविद्यालय पद्धति के तहत अनुसंधान पर अधिक जोर देने की जरूरत है. विशेष रूप से पीएचडी पाठय़क्रमों की संख्या और गुणवत्ता को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए.
* उच्च शिक्षण संस्थान खुले
पिछले 10 साल में उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 23 नये केंद्रीय विश्वविद्यालय, सात आइआइएम, नौ आइआइटी, 10 एनआइटी, पांच भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, चार आइआइआइटी व प्लानिंग एवं आर्किटेक्चर के दो स्कूल स्थापित किये गये.
* तीन ई की जरूरत
उन्होंने कहा कि आनेवाले वर्षों में देश को इम्प्लायबिलिटी (नियोजनीयता) के अलावा तीन और ई की आवश्यकता है. वे हैं एक्सपेंशन (विस्तार), एक्सीलेंस (उत्कृष्टता) और इक्विटी (साम्यता) पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, क्योंकि सरकार उच्च शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में और अधिक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने को प्रतिबद्ध है.
सिंह ने कहा कि हाल ही में शुरू उच्चतर शिक्षा अभियान कार्यक्रम के तहत राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों के महत्व को माना गया है जो हमारे देश में उच्च शिक्षा प्राप्त करनेवाले अधिकांश छात्रों की जरूरत को पूरा करते हैं. इस कार्यक्रम के तहत 13वीं योजनावधि के अंत तक 278 नये विश्वविद्यालय और 388 नये कॉलेज बनाने का लक्ष्य है. इसके अलावा 266 कॉलेजों को मॉडेल डिग्री कॉलेज बनाने का लक्ष्य है.
* हरियाणा में परमाणु विवि
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने घोषणा की कि राज्य में जल्द ही 2200 करोड़ रुपये की लागत से एक परमाणु विश्वविद्यालय स्थापित किया जायेगा. हुड्डा ने यहां आत्मानंद जैन प्लेटेनियम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि 3 जनवरी को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसकी आधारशिला रखेंगे.
* अकेले आइआइटी में 32 प्रतिशत शिक्षकों की कमी
* प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों की गिनती विश्व के श्रेष्ठ संस्थानों में नहीं होना चिंता का विषय
* यूजीसी का डायमंड जूबली समारोह
* स्वतंत्रता का हो माहौल
डॉ सिंह ने विश्वविद्यालय पद्धति में शैक्षिक स्वतंत्रता का माहौल बनाने पर जोर दिया. साथ ही कहा कि शिक्षण और अनुसंधान में नवीनता और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए जरूरी है कि उच्च शिक्षा संस्थानों को अपने पाठय़क्रम खुद तैयार करने की आजादी हो. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 60 साल के दौरान उच्च शिक्षा क्षेत्र में यूजीसी के योगदान को व्यापक तौर पर स्वीकार किया गया है, लेकिन अभी सर्वश्रेष्ठ आना बाकी है.