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भारत और चीन ने किये आठ समझौते

नयी दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चीन के प्रधानमंत्री ली ने आज एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने जानकारी की कि भारत और चीन ने आठ समझौतों पर दस्तखत किये हैं. दोनों प्रधानमंत्रियों ने आपसी हित के विभिन्न मुद्दों पर व्यापक बातचीत की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने […]

नयी दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चीन के प्रधानमंत्री ली ने आज एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने जानकारी की कि भारत और चीन ने आठ समझौतों पर दस्तखत किये हैं.

दोनों प्रधानमंत्रियों ने आपसी हित के विभिन्न मुद्दों पर व्यापक बातचीत की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सीमा मुद्दे पर जल्द समाधान की मांग करते हुए दोनों पक्ष सहमत हुए कि सीमा पर शांति बरकरार रखी जाएगी.

उन्होंने कहा कि पश्चिमी सेक्टर में हालिया घटना से हमें जो सीख मिली उसपर हमने विचार किया सीमा पर शांति और अमन चैन सुनिश्चित करने के संबंध में भावी कदमों पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधि विचार करेंगे. ब्रह्मपुत्र पर चीन द्वारा बांध के निर्माण पर प्रधानमंत्री ने कहा भारत ने चीन के इस कदम पर अपनी चिंता जता दी है.

भारत- चीन के बीच परस्पर विश्वास जरूरी : ली

चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग ने आज कहा कि शांति और क्षेत्रीय स्थिरता चीन और भारत के बीच परस्पर रणनीतिक विश्वास के बिना हकीकत नहीं बन सकते.

ली ने राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद कहा और इसी तरह दुनिया में समृद्धि का विकास भी चीन और भारत के सहयोग तथा समानांतर विकास के बिना नहीं हो सकता. चीनी राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी थे. ली ने कहा कि उनके और सिंह के बीच कल बातचीत का बहुत ही सार्थक सत्र हुआ और उन्हें उम्मीद है कि आगे की बातचीत से बेहतरीन परिणाम मिलेंगे.

उन्होंने कहा मेरी भारत यात्रा के तीन उद्देश्य- परस्पर विश्वास को बढ़ावा देना, सहयोग तेज करना और भविष्य का सामना करना है. ली के अनुसार, उन्हें उम्मीद है कि दोनों पक्ष परस्पर रणनीतिक विश्वास को आगे बढ़ाएंगे.चीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की दुनिया में दोनों पक्ष एक दूसरे के विकास को बड़े अवसर के तौर पर देखते हैं. ली की कल रात यहां सिंह के साथ सौहार्दपूर्ण बैठक हुई.

भारत के तीन दिवसीय दौरे पर कल यहां आये ली ने कहा पारस्परिक रणनीतिक विश्वास के आधार पर दोनों देशों ने एक नये तरह के संबंध बनाये हैं जिन्हें बहुत ही अच्छा कहा जा सकता है. उन्होंने कहा यह एशिया और दुनिया के लिए एक सच्चा संदेश होगा. चीन के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद ली का यह पहला विदेश दौरा है.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के विशाल बाजारों ने एशिया में और पूरी दुनिया में वृद्धि तथा समृद्धि के लिए अपार क्षमता उत्पन्न कर दी है. उन्होंने कहा चीन और भारत ने व्यावहारिक सहयोग तेज करने का फैसला किया है. ली ने कहा कि दोनों पक्ष एक आर्थिक गलियारे के अलावा चीन भारत क्षेत्रीय व्यापार वार्ता शुरु करेंगे.

उन्होंने कहा हम एक दूसरे के देशों में औद्योगिक क्षेत्र के विकास को सहयोग देंगे ताकि उनके बीच आर्थिक वृद्धि को सहारा मिल सके. ली ने कहा कि उनके दौरे का एक और उद्देश्य भविष्य की ओर देखना है क्योंकि समझा जाता है कि 21 वीं सदी में एशिया बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

चीनी नेता ने कहा इस दौरे में हम जिस आम सहमति पर पहुंचे वह भी अहम बात है कि जो बीज हमने आज बोए हैं वह विकसित होते रहेंगे और फलों से लदे पेड़ बन जायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि चीन इस साल के आखिर में भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर उत्सुक है.

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