नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे अरविंद केजरीवाल ने सुरक्षा घेरा लेने से मना करने के बाद अब सरकारी बंगले में भी रहने से इनकार कर दिया है. उन्होंने राजनीति में वीआईपी तामझाम समाप्त करने के अपने संकल्प की तर्ज पर ये फैसले लिये हैं. सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकारी बंगले में रहने के लिए किये गये अनुरोध को केजरीवाल पहले ही खारिज कर चुके हैं. वह मध्य दिल्ली में आईपी स्टेट में दिल्ली सचिवालय के आसपास किसी फ्लैट में शिफ्ट हो सकते हैं.
केजरीवाल की सरकार में मंत्री बनने वाले लोग भी उन्हें मिलने वाले सरकारी बंगलों में जाने से इनकार कर सकते हैं और वे भी संभवत: अपने नेता के कदमों पर चलते हुए सरकारी फ्लैटों में रहना पसंद करेंगे. दिल्ली सरकार के मंत्रियों को टाइप छह या टाइप सात के बंगले मिलते हैं जिनमें तीन कमरे होते हैं. शीला दीक्षित साल 2003 से लुटियन दिल्ली में 3, मोतीलाल नेहरु मार्ग स्थित टाइप आठ के बंगले में रह रहीं हैं.केजरीवाल पहले ही लाल बत्ती वाली कारों से चलने जैसे अनेक वीआईपी तामझाम को समाप्त करने की बात कह चुके हैं. आप के संयोजक ने कल दिल्ली पुलिस द्वारा दिया गया सुरक्षा घेरा लेने से मना कर दिया था और कहा था कि ‘भगवान उनकी रक्षा करते हैं.’
केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश पुलिस की सुरक्षा की पेशकश ठुकराई
दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की गई सुरक्षा मुहैया कराने की पेशकश को ठुकरा दिया. दिल्ली पुलिस की सुरक्षा शाखा से केजरीवाल को सुरक्षा मुहैया कराने के संबंध में पत्र मिलने के बाद आज गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव आप के संयोजक से मिलने उनके आवास पर पहुंचे.यादव ने कहा, ‘‘हमें दिल्ली पुलिस की सुरक्षा शाखा से उनके कौशांबी स्थित आवास की सुरक्षा के संबंध में पत्र मिला है. मैंने आज उनसे भेंट की लेकिन उन्होंने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया.’’ केजरीवाल ने कल ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा लेने से भी मना कर दिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री को दिल्ली पुलिस से इस श्रेणी की सुरक्षा पाने का अधिकार है.
केजरीवाल इससे पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से की गई सुरक्षा की पेशकश ठुकरा चुके हैं. वह हमेशा कहते रहे हैं कि वह या उनके दल के विधायक सत्ता में आने के बाद सुरक्षा, बंगला या लाल बत्ती वाली कार नहीं लेंगे. वह इन चीजों को वीआईपी संस्कृति का हिस्सा बताते हैं और उन्होंने इसे हटाने की कसम ली है.