कोच्चि: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज यहां कहा कि भारत में दलितों के खिलाफ पक्षपात और अन्याय आज भी मौजूद है.प्रसिद्ध समाज सुधारक अय्यनकल्ली के 150वें जन्मदिन के मौके पर शुक्रवार शाम यहां कार्यक्रमों की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान को मंजूरी दिए जाने के बाद से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दज्रे और रहन सहन में बहुत बदलाव आया है, लेकिन फिर भी यह काफी नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘कानून की कमियों को दूर किया गया है, लेकिन दुर्भाग्य से हमारे देश में अनुसूचित जनजातियों के साथ पक्षपात, असमानता और अन्याय अभी बाकी है. हमें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्गों के जीवन से इन दुष्वारियों को दूर करने के लिए प्रयास करना चाहिए.’‘उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसा समाज बनाना है, जिसमें अल्पसंख्यक शांति से रह सकें और उन्हें कोई डर न हो.
अय्यनकल्ली को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनका जीवन एक सतत् संघर्ष था और उन्हें देश का पहला श्रमिक नेता कहा जा सकता है.