नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने भारत और चीन के सैन्य बलों के बीच टकराव की स्थिति पैदा होने जैसी घटनाओं की संभावना ने इनकार नहीं करते हुए आज कहा कि दोनों देशों ने अब आपसी मामलों को मौजूदा तंत्र के जरिए मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाने का निर्णय लिया है.
चीन के बलों द्वारा भारत की सीमा में पांच भारतीय नागरिकों को पकड़े जाने की घटना पर एंटनी ने कहा कि पीएलए सैनिकों द्वारा पकड़े गए भारतीय सैनिक नहीं अपितु आम नागरिक थे तथा मामले को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है.
रक्षा मंत्री ने कहा, अब हमारा निर्णय शांति बनाए रखना है. जब कभी ऐसे मामले होते हैं तो दोनों पक्षों को साथ आना चाहिए और इन्हें मैत्रीपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए. ऐसे मामले होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि सीमा रेखा काफी लंबी है.
एंटनी को पाकिस्तान के साथ 1971 को हुए युद्ध के दौरान भारत की जीत मनाने के लिए आयोजित विजय दिवस समारोह के इतर वास्तविक नियंत्रण रेखा के हालात पर टिप्पणी करने को कहा गया था. उन्होंने चीन के साथ सीमा संबंधी बातचीत पर कहा कि देश को इन वार्ताओं को लेकर चमत्कार की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
एंटनी ने कहा, मुद्दों को सुलझाने में चमत्कारों की उम्मीद नहीं करें. हम कोशिश कर रहे हैं कि जब तक सीमा संबंधी मुद्दे का एक संतोषजनक समाधान नहीं निकल जाता है तब तक सीमा पर जब कभी ऐसी घटनाएं हों तो उन्हें वार्ताओं और आधिकारिक तंत्र के जरिए सुलझाया जाए. हाल में हम मामलों को बिना देरी के सुलझाने में सक्षम रहे हैं. यह एक सुधार है.
हाल में सीमा रक्षा सहयोग समझौते पर हुए हस्ताक्षर के प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा, समझौते के बाद जब कभी ऐसे मामले सामने आते हैं तो हम उन्हें जितना संभव हो सके उतनी जल्दी सुलझाने में सक्षम हुए हैं. इसका अर्थ यह नहीं है कि भारत चीन सीमा मुद्दे का समाधान होने तक कोई अन्य मुद्दे नहीं होंगे, इनकी हमेशा ही संभावना हो सकती है.. उन्होंने कहा कि उनके और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के चीन के दौरे के समय दोनों देशों ने एलएसी पर शांति बनाए रखने का निर्णय लिया था.