नयी दिल्ली: समलैंगिकता को अपराध की परिधि में डालने वाले कानून को सही ठहराने से संबंधित उच्चतम न्यायालय के फैसले का विरोध करते हुए लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल एंड ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) समुदाय के सदस्यों और समर्थकों ने यहां प्रदर्शन किया और संबंधित कानून को निरस्त करने की मांग की.
समलैंगिक कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने शीर्ष अदालत के फैसले के खिलफ ‘विश्व नाराजगी दिवस’ मनाते हुए यहां जंतर मंतर पर, देश के 16 शहरों और दुनिया के 17 शहरों में प्रदर्शन किया. वे नारा लगा रहे थे, ‘‘कौन सा कानून बदतर, धारा तीन सौ सतहत्तर.’‘इन प्रदर्शनकारियों ने काली पट्टी बांधी रखी थी और तख्तियां ले रखी थी.
प्रदर्शनकारी मोनिष मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हमें धारा 377 पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से बहुत दुख और गुस्सा हुआ है जिसने समलैंगिकों के जीवन को अपराध के दायरे में डाल दिया. उसने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया है जो यौनिकता और अधिकार को साथ लाता है. ‘‘ उनमें से कुछ के साथ उनके अभिभावक भी थे.
उच्चतम न्यायालय के फैसले का समर्थन करने पर उन्होंने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की निंदा की.