शिलांग : वायु सेना प्रमुख एन ए के ब्राउन ने आज कहा कि स्वदेश विकसित हल्का लड़ाकू विमान तेजस आधिकारिक तौर पर मिग-21 एफएल लड़ाकू विमान की जगह लेगा.
ब्राउन ने यहां पूर्वी हवाई कमान मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, एक बड़ा चरण निकल गया है और अब हम बल में नये विमान को शामिल किये जाने की ओर देख रहें. एलसीए मिग-21 की जगह लेगा. उन्होंने कहा, हमें 40 विमान मिलेंगे और वह मार्क-वन श्रेणी का होगा. तेजस 2014 के अंत तक युद्ध में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगा. वायु सेना प्रमुख ने कहा कि रक्षा मंत्री ए के एंटनी 20 दिसंबर को बेंगलूर में आधिकारिक तौर पर तेजस को बल में शामिल करने के लिए स्वीकृति पत्र सौंपेंगे.
ब्राउन अपनी पत्नी किरण के साथ यहां दो दिवसीय विदाई यात्रा पर थे. उन्होंने पूर्वी हवाई कमान के कमांडरों के सम्मेलन में भी हिस्सा लिया. ब्राउन के अनुसार तेजस की मार्क-टू श्रेणी का विकास करने पर काम चल रहा है. उसकी रडार प्रणाली में सुधार किया जा रहा है और अन्य चीजें जोड़ी जा रही हैं और बाद के चरण में इसे बल में शामिल किया जाएगा.
पूर्वोत्तर क्षेत्र में हवाई रक्षा परिदृश्य के बारे में पूछे जाने पर ब्राउन ने कहा, पूर्वोत्तर का क्षेत्र हमारे लिए महत्वपूर्ण है. पहाड़ी क्षेत्रों में रडार को शामिल करने की हमारी योजना है. हमारे पास कई प्रणालियां हैं जो सुनिश्चित करेंगे कि हवाई रक्षा अभेद्य रहें. उन्होंने कहा कि तेजपुर में सुखोई का एक स्क्वाड्रन होगा जबकि सिरसा में एक नया स्क्वाड्रन बनाया जा रहा है.
मिग-21 एफएल को पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा हवाई ठिकाने में एक कार्यक्रम में 50 साल की सेवा के बाद कल चरणबद्ध तरीके से हटाया गया था.
उन्होंने कहा, वायुसेना के लिए यह यादगार और ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि विमान ने मेरे और अनेक पीढि़यों के पायलटों समेत सभी लड़ाकू पायलटों को प्रशिक्षण दिया. उन्होंने कहा, इसने अपना काम किया है. इसने अच्छा काम किया.