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लोकसभा ने नेल्सन मंडेला को श्रद्धांजलि दी, बैठक दिनभर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली : रंगभेद विरोधी आंदोलन के महानायक नेल्सन मंडेला के निधन पर आज लोकसभा ने गहरा शोक प्रकट किया और उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद उनके सम्मान में सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि वह ऐसी अजीम शख्सियत और भारत के एक महान […]

नयी दिल्ली : रंगभेद विरोधी आंदोलन के महानायक नेल्सन मंडेला के निधन पर आज लोकसभा ने गहरा शोक प्रकट किया और उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद उनके सम्मान में सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि वह ऐसी अजीम शख्सियत और भारत के एक महान मित्र थे, जिनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना रहेगा.

उन्होंने कहा कि रंगभेद और असमानता के खिलाफ संघर्ष और उसके लिए करीब 28 वर्षों तक राबिन आईलैंड में जेल का कष्ट झेल कर उन्होंने पूरी मानवता को उत्पीड़न से मुक्ति का संदेश दिया है. इस स्थान पर जाना किसी तीर्थयात्रा से कम नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि दुनिया ने आज उस महान व्यक्तित्व को खो दिया जिसने रंगभेद, दमन, भेदभाव और गरीबी के खिलाफ जीवन भर पूरे साहस के साथ संघर्ष किया.

उन्होंने कहा कि वह करीब 27 वर्ष तक जेल में रहे लेकिन उनका साहस नहीं टूटा. जेल से बाहर निकलने और सत्ता हासिल करने के बाद भी उन्होंने बदले की भावना से काम नहीं किया बल्कि दक्षिण अफ्रीका को एकता के सूत्र में बांध कर सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए काम किया. सोनिया ने कहा कि वह सही अर्थो में नेता थे जो सभी लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे. उन्होंने पांच साल तक राष्ट्रपति रहने के बाद पद छोड़ कर पूरी दुनिया को अद्भुद संदेश दिया.

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि जीवन और मृत्यु का आपस मे शाश्वत संबंध है. जो आया है, वह जायेगा. लेकिन कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जो अमर हो जाते हैं. नेल्सन मंडेला ऐसा ही काम करके गए. रंगभेद, असमानता, दमन के खिलाफ संघर्ष में 27 वर्ष से अधिक समय तक जेल में रहे लेकिन इसका कोई प्रभाव उन पर नहीं पड़ा.

सुषमा ने कहा कि उनका संघर्ष ऐसे लोगों के लिए था जो रंगभेद के शिकार थे और मानवताविहीन कर दिये गए थे. जेल में वर्षों गुजारने के बाद जब बाहर आए और पूरी दुनिया ने सिर माथे पर बिठाया तब भी उन्हें इसका कोई मद नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जिस तरह की स्वतंत्रता की लड़ाई महात्मा गांधी ने लड़ी, उसकी प्रेरणा उन्हें दक्षिण अफ्रीका में मिली. मंडेला का जाना पूरी दुनिया को क्षति है.

सदन के नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि डा. नेल्सन मंडेला न केवल दक्षिण अफ्रीका बल्कि पूरी दुनिया में रंगभेद के खिलाफ संघर्ष से प्रणोता थे. वह 28 साल जेल में रहे. छह फुट के इस इंसान को पांच फुट की कोठरी में रखा गया था. लेकिन यहां भी रंगभेद के खिलाफ दबे कुचले लोगों की आजादी के लिए सभी कष्ट सहे. वे दुनिया को राह दिखाने वाले नेता थे जो आज हमारे बीच नहीं रहे.

सपा नेता मुलायम सिंह ने कहा कि नेल्सन मंडेला ने गांधीजी को आदर्श माना था और अश्वेतों के प्रति ज्यादती के खिलाफ संघर्ष किया. वे 28 साल तक जेल में रहे और भारत और पूरी दुनिया के आदर्श बन गए. बसपा के दारा सिंह चौहान ने कहा कि नेल्सल मंडेला ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद, गैर बराबरी को समाप्त करने के लिए जीवन भर संघर्ष किया. उनका जाना पूरी दूनिया की क्षति है.

जदयू के शरद यादव ने कहा कि इंसान.इंसान के बीच असमानता और रंगभेद दूर करने की लड़ाई लड़ने वाले अद्वितीय योद्धा थे नेल्सन मंडेला. उन्होंने बिना हथियार के अहिंसा के रास्ते लड़ाई लड़ी और सफल रहे.

तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में श्वेत दमनचक्र और रंगभेद के खिलाफ अभियान चलाते हुए नेल्सन मंडेला को 27 वर्षों तक जेल में रहना पड़ा. महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर अहिंसक आंदोलन चलाने वाले मंडेला पूरी दुनिया के प्रेरणा के स्त्रोत हैं. द्रमुक के टी के एस इलनगोवन ने कहा कि मंडेला से प्रेरणा लेकर हमें भारत और पूरी दुनिया में समानता सुनिश्चित करनी चाहिए.

माकपा के वासुदेव आचार्य ने कहा कि मंडेला जीवनभर रंगभेद, अन्याय और दमन के खिलाफ लड़ते रहे. वे पूरी दुनिया में वंचित वर्ग के ऐसे नेता थे जिन्होंने असमानता के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित किया. बीजद के भृतुहरि माहताब ने कहा कि रंगभेद के खिलाफ मंडेला की लड़ाई पूरी मानवता के लिए प्रेरणादायक थी. अहिंसा के रास्ते उन्होंने दुनिया में महात्मा गांधी के संदेश को सही साबित किया.

भाकपा के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि अगर हम नेल्सन मंडेला के जीवन से कुछ सीख लेते हैं, तब यह सही अर्थों में उन्हें श्रद्धांजलि होगी. राजद के रधुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि नेल्सन मंडेला ने उस स्थान पर सत्य, अहिंसा के गांधीवाद का प्रयोग किया जहां मोहनदास करमचंद गांधी, महात्मा गांधी बने.

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