नयी दिल्ली : आंध्रप्रदेश के विभाजन पर विचार के लिए गठित मंत्रिसमूह संविधान के अनुच्छेद 371-डी के तहत दोनों राज्यों को विशेष दर्जा देने की सिफारिश कर सकता है. वह रायलसीमा के दो जिलों को तेलंगाना में शामिल करने के प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को कहा कि मंत्रिसमूह प्रस्ताव रख सकता है कि आंध्रप्रदेश पुनर्गठन मसौदा विधेयक का नाम आंध्रप्रदेश और तेलंगाना विधेयक कर देना चाहिए, जिससे संविधान में संशोधन से बचा जा सकेगा, दोनों राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिल सकेगा.
वर्ष 1973 में 32वें संशोधन के जरिये जोड़े गये अनुच्छेद 371-डी में राष्ट्रपति को राज्य के अलग-अलग हिस्सों के लिए न्यायसंगत अवसर देने के लिहाज से समय-समय पर आदेश देने का अधिकार प्राप्त है. अगर मंत्रिसमूह के प्रस्ताव को स्वीकृत हो जाते हैं, तो आंध्र को बराबर-बराबर दो राज्यों में बांटा जायेगा और दोनों में विधानसभा की 147 तथा विधान परिषद की 45 सीटें होंगी. इनके अलावा कुरनूल और अनंतपुर दोनों हैदराबाद के नजदीक हैं. दोनों में मुसलिमों की बड़ी आबादी है.
इस कदम पर तेलंगाना राष्ट्र समिति और भाजपा की आपत्ति आ सकती है, लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन और आंध्रप्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से समर्थन मिल सकता है.
* टीआरएस, भाजपा कर सकती है प्रस्ताव का विरोध
* एआइएमआइएम, कांग्रेस और आंध्र कांग्रेस का समर्थन संभव