नयी दिल्ली : भाजपा और कांग्रेस के बीच कल्याणकारी कार्यक्रमों को लेकर आज तू तू मैं मैं होती दिखी, जहां एक ओर विपक्ष सरकार की नीति निर्धारण में अपंगता की वजह से आर्थिक विकास प्रभावित होने का अरोप लगाया, तो वहीं सत्तारुढ़ दल ने दावा किया कि राज्य सरकारें इन्हें उचित ढंग से लागू करने में असफल रही हैं.
राज्य सभा में विपक्ष के उप नेता रविशंकर प्रसाद ने भारतीय अर्थव्यवस्था सम्मेलन में कहा, वर्ष 1998 में जब वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे, तब भारत का विकास दर 4.8 फीसद था. वर्ष 2004 में जब वह सत्ता से हटे तो यह 8.5 फीसद था. लेकिन आज यह विकास दर 4.8 फीसद है. बिजली, सड़के, दूरसंचार और रियल इस्टेट.. सभी चारों भ्रष्टाचार, अस्थिरता और नीति निर्धारण में अपंगता की वजह से अधर में लटकी हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा और स्कूली शिक्षकों की गुणवत्ता खराब है.
उसी सम्मेलन में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, अगर आपके पास गुणवत्तापूर्ण शिक्षक नहीं होंगे तो फिर कैसे कोई देश में शिक्षा व्यवस्था सुधार सकता है? स्कूलों से शिक्षक नदारद रहते हैं, डाक्टर ग्रामीण इलाकों में जाने को तैयार नहीं हैं.