सीकर, (राजस्थान): भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने केंद्र सरकार पर गरीबों के लिए बने कानूनों का मजाक बनाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि कांग्रेस को गरीबों, बेरोजगारों, किसानों और महिलाओं की चिंता नहीं है.
मोदी ने यहां सीकर स्टेडियम में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में आयोजित जनसभा में कहा कि केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए कानून बनाने के नाम पर उनके साथ मजाक किया है.संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस दावे पर भी उन्होंने प्रहार किया कि केंद्र सरकार ने गरीबों के पक्ष में कानून बनाए.उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने केवल कानून बनाए लेकिन उन्हें लागू नहीं किया.
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के उक्त दावे पर चुटकी लेते हुए दो शिकारियों की कहानी सुनाई.उन्होंने कहा कि दोनों शिकारियों को जब शेर सामने नजर आया तो उन्होंने अपनी जेब में रखा बंदूक का लाइसेंस दिखाया क्योंकि शिकारियों की बंदूक उनकी कार में रखी हुई थी. मोदी ने कहा कि इसी तरह गरीबों के लिए कानून भर बना देना काफी नहीं है और उन्हें लागू किए जाने की भी जरुरत होती है.
गुजरात के मुख्यमंत्री केंद्र और राज्य सरकार के कामकाज की आलोचना करते हुए कहा कि दोनों सरकारों ने गरीबों, बेरोजगारों ,महिलाओं और किसानों की चिंता नहीं की. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा और अपंगों के कल्याण के लिए आवंटित राशि खर्च ही नहीं की. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर केंद्र सरकार द्वारा राशि आवंटन के मुद्दे पर कहा कि यह राशि जनता की है, न कि किसी पार्टी की.
मोदी ने कांग्रेस पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने मंहगाई खत्म करने का वायदा किया लेकिन मंहगाई कम करना तो दूर, उल्टा महंगाई बढ़ा दी. वह किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने में विफल रही. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को गोदामों में सड़ रहे अनाज को जरुरतमंदों को वितरित करने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार ने वह अनाज वितरित नहीं किया. अनाज को सड़ने दिया और बाद में शराब कम्पनियों को बेच दिया. मोदी ने राजस्थान सरकार के कामकाज की भी आलोचना की.
मोदी ने सीकर की भूमि को वीरों की भूमि बताते हुए कहा कि यह धरती राजनीतिक बदलाव के लिए जानी जाती है और आने वाले दिनों में राजस्थान और फिर हिन्दुस्तान में बदलाव तय है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नौजवानों की चिन्ता नहीं है. केंद्र सरकार ने एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वायदा किया लेकिन सरकार ने नौजवानों के साथ कथित धोखाधड़ी की है.