नयी दिल्ली : तरुण तेजपाल मामले में, गोवा में आयोजित तहलका का थिंक फेस्ट चर्चा के केंद्र में है. पर, सच्चाई यह है कि यह आयोजन तहलका का नहीं, बल्कि थिंकवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड का था. इस कंपनी का पूरा मालिकाना तेजपाल, उनकी बहन नीना तेजपाल व पत्रिका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी के पास है.
थिंकवर्क्स का तहलका की प्रकाशक कंपनी अनंत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से सिर्फ इतना है कि वह पत्रिका से विज्ञापन के लिए स्पेस खरीदती है. यह बात खुद नीना तेजपाल कबूल करती हैं. जबकि, प्रायोजकों का कहना है कि उनकी समझ में थिंक फेस्ट का आयोजन तहलका पत्रिका द्वारा किया जाता है. थिंक फेस्ट की वेबसाइट पर भी तहलका का ब्रांड नाम है. सूत्रों के मुताबिक, इस बार के थिंक फेस्ट को 34 प्रायोजकों से 17 करोड़ रुपये मिले.
सन 2006 से तरुण तेजपाल पांच कंपनियां शुरू कर चुके हैं, जिनमें से एक थिंकवर्क्स है. दो फर्म आवभगत क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं. पहले थिंक फेस्ट के आयोजन से एक साल पूर्व, फरवरी 2010 में थिंकवर्क्स की शुरुआत हुई. यह पांचों कंपनियों में सबसे ज्यादा मुनाफा देनेवाली है. इस साल 31 मार्च को इसकी कुल आमद 14.2 करोड़ रुपये थी.
कंपनियों के पंजीकार (आरओसी) के पास जमा कागजात के मुताबिक, थिंकवर्क्स में 80 फीसदी हिस्सेदारी तरुण तेजपाल की है, जबकि नीना तेजपाल और सुपर्णा चौधरी का हिस्सा 10-10 फीसदी है. बता दें कि शोमा चौधरी का कागजों में नाम सुपर्णा चौधरी ही है.
आरओसी में दाखिल कागजात बताते हैं कि मार्च 2013 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए, प्रत्येक शेयरधारक को प्रति शेयर 398 रुपये का रिटर्न मिला, कुल मिला कर यह रकम 1.99 करोड़ रुपये हुई. नीना तेजपाल के कथन के मुताबिक, प्रचार-प्रसार पर 1.99 करोड़ रुपये खर्च हुए जिसमें विज्ञापन स्पेस के लिए तहलका को भुगतान भी शामिल है. थिंकवर्क्स का एक अन्य बड़ा खर्च कर्मचारी हितों पर खर्च के नाम पर दिखाया गया है, जो 1.79 करोड़ रुपये है जिसमें 1.68 करोड़ रुपये बतौर तनख्वाह हैं.
2011 से थिंक फेस्ट के मुख्य प्रायोजक, एस्सार के एक प्रवक्ता ने बताया, इस आयोजन के बारे में हमारी समझ है कि इसका आयोजन तहलका पत्रिका करती है. एक सह-प्रायोजक, केरल पर्यटन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस बारे में एस्सार के प्रवक्ता की बात ही दोहरायी.
(साभार : इंडियन एक्सप्रेस)