नयी दिल्ली: भारत और अन्य कई देशों के डॉक्टरों ने आज यहां शुरु हुए भारतीय कैंसर कांग्रेस-2013 के दौरान कैंसर के उपचार के अनेक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की. विशेषज्ञों ने हेपाटोबिलियरी कैंसर :जिनमें यकृत, पित्ताशय और अग्न्याशय आदि का कैंसर शामिल हैं: के बारे में चर्चा की. इस तरह के कैंसर पश्चिमी देशों से ज्यादा भारत में आम हैं.
विशेषज्ञों ने इस बात पर सहमति जताई कि उपचार के विकल्पों को बेहतर तरीके से समझने के लिए और अधिक परीक्षणों की जरुरत है. एसोसिएशन ऑफ रेडियो ओंकोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया, इंडियन एसोसिएशन ऑफ सजिर्कल ओंकोलॉजी और ओंकोलॉजी फोरम के सहयोग से आयोजित कांग्रेस में कैंसर की रोकथाम से जुड़ी 25 से अधिक व्यावसायिक संस्थाओं, 100 कैंसर संस्थानों और 10 अंतरराष्ट्रीय संघों की साझेदारी है.