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चक्रवात की आशंका:आंध्र प्रदेश में लोगों को पहुंचाया जा रहा है सुरक्षित जगह

नयी दिल्ली : देश के पूर्वी समुद्री तट पर कल जबर्दस्त चक्रवात आने की आशंका के मद्देनजर आंध्र प्रदेश के चार जिलों में बडे पैमाने पर लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया गया है.चक्रवात ‘हेलेन’ आंध्र प्रदेश के तट पर श्रीहरिकोटा और ओंगोल के बीच कवाली के निकट कल रात आने की आशंका है. राष्ट्रीय […]

नयी दिल्ली : देश के पूर्वी समुद्री तट पर कल जबर्दस्त चक्रवात आने की आशंका के मद्देनजर आंध्र प्रदेश के चार जिलों में बडे पैमाने पर लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया गया है.चक्रवात ‘हेलेन’ आंध्र प्रदेश के तट पर श्रीहरिकोटा और ओंगोल के बीच कवाली के निकट कल रात आने की आशंका है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने राज्य सरकार से कहा है कि वह ऐसे इंतजाम करे कि किसी की जान का कोई नुकसान न होने पाये. एनडीएमए के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने पीटीआई को बताया कि राज्य सरकार ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाना शुरु कर दिया है.

आंध्र प्रदेश में लगभग 350 चक्रवात शरणस्थलियां हैं और चक्रवात से प्रभावित लोगों को इन्हीं में रखा जाएगा. 137 शरणस्थलियों का निर्माण कार्य चल रहा है. इनमें से भी कुछ का उपयोग लोगों को ठहराने के लिए किया जाएगा. एनडीएमए उपाध्यक्ष ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरन कुमार रेड्डी और राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों से बात कर कहा है कि वे चक्रवात के बाद के समय में आवश्यक संचार बहाल करने की कोई योजना तैयार रखें.जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी एहतियात बरतें और सुनिश्चित करें कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जाए. चक्रवात से नेल्लौर, प्रकाशन, गुंटूर और कृष्णा जिलों पर सबसे अधिक असर हो सकता है. सबसे अधिक नुकसान कच्चे मकानों का हो सकता है. बिजली और संचार साधनों पर भी आंशिक असर पडने की आशंका है.

इलाके के मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की जा चुकी है. उनसे कहा गया है कि वे चक्रवात के शांत होने तक समुद्र में न जाएं. रेडडी ने बताया कि तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को जिला प्रशासन सुरक्षित जगहों तक पहुंचा रहा है. लोगों से कहा गया है कि भारी बारिश के दौरान वे घरों में ही रहें.एनडीएमए ने बताया कि चक्रवात के दौरान 55 से 65 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी जो बाद में बढकर 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं. समुद्री लहरों की उंचाई एक से डेढ मीटर तक हो सकती है, जिससे निचले इलाकों पर असर पडेगा. प्रदेश सरकार ने राज्य सचिवालय में 24 घंटे चलने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है. नेल्लौर, प्रकाशम, गुंटूर और कृष्णा में जिला और मंडल स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष बनाये गये हैं. अन्य तटवर्ती जिलों को भी एलर्ट कर दिया गया है.

राष्ट्रीय आपदा रेस्पांस बल (एनडीआरएफ) के छह दल ओंगोल, कवाली, गुंटूर और कृष्णा पहुंच चुके हैं. अग्निशमन, आपात सेवाएं, पुलिस, सिंचाई, परिवहन, बिजली, मत्स्य एवं अन्य विभागों को सतर्क किया गया है. एनडीएमए ने जनता से आग्रह किया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल रेडियो पर प्रसारित पक्की सूचना पर ही भरोसा करें.

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