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केजरीवाल ने बोला सिब्बल पर हमला

नयी दिल्ली:आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को अपने निशाने पर लिया है. यूपीए के कई मंत्रियों पर केजरीवाल पहले ही हमला बोल कर सुर्खियों में रहते आये हैं. केजरीवाल ने आज कहा कि सिब्बल ने कानून मंत्री का अतिरिक्त कार्यभार संभालते ही वोडा-हच टैक्स मामले में समझौता करने […]

नयी दिल्ली:आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को अपने निशाने पर लिया है. यूपीए के कई मंत्रियों पर केजरीवाल पहले ही हमला बोल कर सुर्खियों में रहते आये हैं.

केजरीवाल ने आज कहा कि सिब्बल ने कानून मंत्री का अतिरिक्त कार्यभार संभालते ही वोडा-हच टैक्स मामले में समझौता करने की कोशिश की. केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि सिब्बल और कंपनी के बीच 2,000 करोड़ रुपए का सौदा हुआ है. कंपनी पर सरकार का तकरीबन 10,000 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया है. अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण का दावा है कि उनके पास सिब्बल के खिलाफ कई दस्तावेज हैं जो सिब्बल को सवालों के घेरे में ला सकते हैं.

आप ने इस मामले में पी. चिदंबरम और अटर्नी जनरल वाहनवती को भी लपेटा है. आप के मुताबिक अश्विनी कुमार के कानून मंत्री रहते वाहनवती भी समझौते के खिलाफ थे, लेकिन सिब्बल के आते ही वह पलट गए. उन्होंने सिब्बल से वोडाफोन से समझौते की सिफारिश की और सिब्बल भी मान गए. आप ने आरोप लगाया कि इसमें कुछ पैसे सिब्बल के अलावा पी. चिदंबरम और वाहनवती को भी मिले होंगे.गौरतलब है कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ब्रिटिश टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन से बातचीत से टैक्स विवाद के निपटारे के लिए कैबिनेट से इजाजत मांग सकती है. एक सीनियर सरकारी ऑफिसर ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि ‘सुलह के लिए कैबिनेट से इन-प्रिंसिपल अप्रूवल लेने का प्लान है.’ मंगलवार को लॉ मिनिस्ट्री ने अटर्नी जनरल से मिली राय फाइनेंस मिनिस्ट्री को भेज दी थी. फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि वोडाफोन से सुलह के लिए सरकार बातचीत शुरू कर सकती है.टैक्स को लेकर सरकार के साथ वोडाफोन का विवाद काफी समय से चल रहा है. सरकार का कहना है कि वोडाफोन पर 2007 में हुए ट्रांजैक्शन पर टैक्स बकाया है. इसमें वोडाफोन ने हचिसन इंडिया में हॉन्गकॉन्ग की हचिसन वामपोआ का स्टेक खरीदा था. वोडाफोन ने टैक्स की डिमांड को चैलेंज किया. जनवरी 2012 में उसे सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में जीत हासिल हुई. बाद में सरकार ने टैक्स कानून में बदलाव कर दिया. इसके बाद कंपनी ने इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन प्रोसिडिंग्स शुरू करने की धमकी दी. अगस्त 2012 में पी चिदंबरम के फाइनेंस मिनिस्टर बनने के बाद कंपनी ने बातचीत से मामले का हल निकालने के लिए सरकार से संपर्क किया था. हालांकि, उसने आर्बिट्रेशन प्रोसिडिंग्स से इनकार नहीं किया है.

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