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आजादी के बाद गरीबों और पिछड़ों की हालत नहीं बदली:मायावती

बालाघाट:मध्यप्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने आई पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि आजादी के 66 सालों तक देश में कांग्रेस और भाजपा की सरकारें रहीं हैं, लेकिन गरीब, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की हालत में कोई बदलाव नहीं आया है.मायावती ने […]

बालाघाट:मध्यप्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने आई पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि आजादी के 66 सालों तक देश में कांग्रेस और भाजपा की सरकारें रहीं हैं, लेकिन गरीब, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की हालत में कोई बदलाव नहीं आया है.मायावती ने आज यहां एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गरीबी और बेरोजगारी कम होने की बजाए बढ़ी ही हैं तथा गरीब अधिक गरीब तथा अमीर अधिक अमीर होता गया है. मध्यप्रदेश में ऐसे ही हालात हैं, बड़े शहरों में गरीब रोजी-रोटी की तलाश में मारे-मारे फिर रहे हैं.

उन्होने कहा कि देश में प्रभावशाली लोगों की वजह से कुछ लोग एवं राजनीतिक पार्टियां ‘आरक्षण’ खत्म करने के प्रयास में जुटी हुई हैं. देश की आर्थिक स्थिति बदतर हालात में है. केंद्र तथा राज्य सरकारों ने भूमिहीन आदिवासी एवं दलित समाज के लिए कोई सुविधा नहीं दी. भूमि अधिग्रहण कानून में भूमिहीनों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि उनके शासनकाल में गरीब एवं दलित भूमिहीन लोगों के लिए उत्तर प्रदेश में 3-3 एकड़ भूमि मुफ्त में दी गई थी.बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी अपने बलबूते पर चुनाव लड़ रही है, उसका किसी भी पार्टी से कोई समझौता नहीं है तथा उसने समाज के सभी वर्गो के लोगों को टिकट दी है. उनके उम्मीदवारों का चयन उनकी साफ छवि, पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा तथा समस्याओं के समाधान तथा उनके क्षेत्र में विकास हेतु उनकी सक्रियता को देखकर किया गया है.

उन्होने आरोप लगाया कि समाज की विसंगतियों की वजह से ही आदिवासी एवं दलित लोग नक्सली आंदोलन से जुड़ते चले गये. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि मुस्लिम समाज के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं. उनकी आर्थिक हालात सुधारने में कोई प्रयास केंद्र सरकार ने नहीं किये.मायावती ने कहा कि अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को शिक्षा तथा अन्य क्षेत्र में आर्थिक आधार पर आरक्षण दिये जाने हेतु उनकी ओर से पहल की गई, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ. उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश में भी ऐसे ही हालात हैं, गरीबी बढ़ी है, महंगाई बढ़ी है तथा केंद्र एवं राज्य सरकार के प्रयासों से कुछ गिने चुने पूंजीपतियों का ही विकास हुआ है. यहां भ्रष्टाचार भी बढ़ा है और रिश्वत के बिना कोई काम नहीं होता.

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