नयी दिल्ली: कांग्रेस ने कहा कि अगर गुजरात के पूर्व मंत्री अमित शाह के खिलाफ लगे जासूसी के आरोप सच्चे साबित होते हैं तो भाजपा को प्रधानमंत्री पद के अपने उम्मीदवार के बारे में फिर से विचार करना पड़ेगा. पार्टी ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की.
शाह पर शुक्रवार को आरोप लगा है कि उन्होंने 2009 में एक युवती की अवैध जासूसी के लिए अपने पद और पुलिस मशीनरी का दुरपयोग किया था. कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर ये दावे सही हैं तो बहुत गंभीर आरोप हैं और भाजपा को प्रधानमंत्री पद के अपने उम्मीदवार के नाम पर पुनर्विचार करने पर मजबूर होना पड़ेगा.’’सिब्बल ने कहा, ‘‘भाजपा से हम पर तो गलत हथकंडे अपनाने का आरोप लगाने की अपेक्षा की जा सकती है लेकिन उन्होंने तहलका और तरण तेजपाल के साथ भी ऐसा किया.
कोई पिता अपनी बेटी पर नजर रखवाना क्यों चाहेगा? इस मामले की जांच होनी चाहिए.’’
आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में ये आरोप लगाये गये जहां आधे घंटे से अधिक समय की टेलीफोन बातचीत की रिकार्डिंग भी जारी की गयी जो कथित तौर पर शाह और गुजरात के आईपीएस अधिकारी जी एल सिंघल के बीच हुई बताई जाती है. खोजी पत्रकारिता के लिए मशहूर पोर्टल ‘कोबरापोस्ट’ और ‘गुलेल’ ने इशरत जहां मामले में सीबीआई के समक्ष ये रिकार्डिंग जमा किये जाने का दावा किया है.
हालांकि दोनों वेबसाइटों की ओर से यह भी कहा गया, ‘‘इस समय गुलैल और कोबरापोस्ट द्वारा स्वतंत्र रुप से इन आरोपों का सत्यापन कर पाना संभव नहीं है.’’