मुंबई: सीबीआई ने आज बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक राकेश रोशन समेत अनेक लोगों से पैसा वसूलने के मामले में एजेंसी का कोई अधिकारी शामिल नहीं है. सीबीआई के वकील ऐजाज खान ने न्यायमूर्ति पी वी हरदास और न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर की खंडपीठ को सूचित […]
मुंबई: सीबीआई ने आज बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक राकेश रोशन समेत अनेक लोगों से पैसा वसूलने के मामले में एजेंसी का कोई अधिकारी शामिल नहीं है.
सीबीआई के वकील ऐजाज खान ने न्यायमूर्ति पी वी हरदास और न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर की खंडपीठ को सूचित किया कि एजेंसी की विशेष सतर्कता इकाई ने मामले में जांच की थी.उच्च न्यायालय ने पूर्व पत्रकार केतन तिरोडकर द्वारा मामले में दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. आरोप हैं कि दो लोगों- अश्विनी कुमार और राजेश रंजन ने सीबीआई अधिकारी बनकर राकेश रोशन से संपर्क किया और रोशन के खिलाफ सीबीआई की लंबित जांच के मामले को सुलझाने की पेशकश की. जब रोशन ने सीबीआई में मामला दर्ज कराया तो यह धोखाधड़ी सामने आई. माना गया कि दोनों ने कई अन्य लोगों को भी ठगा होगा. आरोप था कि दोनों की मदद एक सीबीआई अधिकारी कर रहे थे.
सीबीआई ने आज उच्च न्यायालय में एक सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट जमा की और सूचित किया कि मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है.खान ने कहा, ‘‘इन दोनों आरोपियों ने स्वतंत्र तौर पर काम किया और कोई सीबीआई अधिकारी इसमें शामिल नहीं है.’’तिरोडकर ने अपनी जनहित याचिका में मांग की थी कि सीबीआई अधिकारियों के शामिल होने के आरोपों की जांच एक विशेष जांच दल द्वारा कराई जाए.उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका पर अपना आदेश आज सुरक्षित रखा.