गाजियाबाद: सीबीआई की एक अदालत ने 2008 के सनसनीखेज आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड में अपना फैसला 25 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया. मामले में आरुषि के माता पिता राजेश और नूपुर तलवार आरोपी हैं.अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्याम लाल ने कई उतार चढ़ावों से भरे इस मामले में बचाव पक्ष द्वारा अपनी जिरह पूरी करने […]
गाजियाबाद: सीबीआई की एक अदालत ने 2008 के सनसनीखेज आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड में अपना फैसला 25 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया. मामले में आरुषि के माता पिता राजेश और नूपुर तलवार आरोपी हैं.अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्याम लाल ने कई उतार चढ़ावों से भरे इस मामले में बचाव पक्ष द्वारा अपनी जिरह पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
सीबीआई ने आज अपना यह रुख दोहराया कि दंत चिकित्सक तलवार दंपति ने ही अपनी पुत्री आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज की हत्या की है क्योंकि परिस्थितिजन्य साक्ष्य उनके विरुद्ध हैं.दूसरी ओर बचाव पक्ष के वकील ने आरोप लगाया कि तलवार दंपति को मामले में फंसाया गया है.
आरुषि-हेमराज हत्या मामले में सुनवाई 15 महीने पहले उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में शुरु हुई. इससे पूर्व अदालत ने सीबीआई द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को ठुकरा दिया.14 बरस की आरुषि 16 मई 2008 को नोएडा के अपने आवास में मृत पाई गई थी. अगले दिन हेमराज का शव उसी मकान की छत से मिला. वारदात की रात राजेश और नूपुर उसी मकान में थे.