नयी दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम ने आज कहा कि अदालतों को महिलाओं, भ्रष्टाचार और मध्यस्थता के साथ ही पर्यावरण से जुड़े मामलों को प्राथमिकता देनी चाहिए.प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मुकदमेबाजी की प्रवृत्ति बदल गई है और न्यायालय राजनीतिक रुप से अत्यधिक सनसनीखेज मामलों पर सुनवायी करने को बाध्य है जबकि पहले न्यायालय आमतौर पर संवैधानिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता था.
उन्होंने यह बात उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर के 99वें जन्मदिन के मौके पर कही. उन्होंने न्यायमूर्ति अय्यर को एक विधायक और एक जानेमाने न्यायिक अधिकारी तथा एक ऐसे व्यक्ति का दुर्लभ संयोजन बताया जिसने बाहरी दबाव में अभी अपने मूल्य नहीं त्यागे.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं न्यायपालिका के प्रमुख के तौर पर सूचित कर रहा हूं कि उच्चतम न्यायालय में और सभी मुख्य न्यायाधीशों को पत्र के माध्यम से मैंने यह याद दिलाया है कि जिम्मेदारी ऐसे मामलों को प्राथमिकता देना और ऐसे मामलों को सूची में उपर रखना है.’’उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस शहर और इस न्यायालय का मात्र सात वर्ष का अनुभव है और अब उच्चतम न्यायालय में मामलों की प्रवृत्ति बदल गई है.
उन दिनों उच्चतम न्यायालय अधिकतर संवैधानिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता था और अब हम अत्यधित राजनीतिक सनसनीखेज मामलों पर सुनवायी को बाध्य हैं.’’ सदाशिवम ने कहा कि उनके सामने महिलाओं से संबंधित मुद्दे, भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत सामने आने वाले मामले, विशेष अनुमति याचिकाएं और मध्यस्थता के खिलाफ दायर अपीलों के मामले. उनका प्रयास है कि इस तरह के मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.