मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने 29 साल के एक व्यक्ति को मुंबई तथा उससे लगे ठाणे एवं रायगड़ जिलों की सीमा से तड़ीपार करने के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के आदेश को ज्यादती बताते हुए रद्द कर दिया.
न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति गौतम पटेल की पीठ ने हाल ही में दिए अपने फैसले में कृष्णा उर्फ गोटिया बजरंग चिकने के खिलाफ तड़ीपार की कार्रवाई की पुष्टि करने वाला, अपीली प्राधिकरण का आदेश भी रद्द कर दिया. उत्तर पश्चिम मुंबई के गोवंडी में रहने वाले कृष्णा के खिलाफ कई आपराधिक मामले हैं.
इसी साल 11 मार्च को चेंबूर के सहायक पुलिस आयुक्त ने कृष्णा को कारण बताओ नोटिस जारी कर उसे दो साल के लिए ग्रेटर मुंबई, मुंबई उपनगरीय इलाके , ठाणे और रायगड़ जिलों से दो साल के लिए तड़ीपार करने का प्रस्ताव दिया था.
मुंबई के पुलिस उपायुक्त :जोन छह: ने 11 जून को नोटिस के संदर्भ में बॉम्बे पुलिस अधिनियम के तहत कृष्णा के खिलाफ तड़ीपार नोटिस जारी किया. कृष्णा ने आदेश के खिलाफ एक अपील दायर की जिसे अपीली प्राधिकरण ने 28 अगस्त को खारिज कर दिया. तब उसने आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी.
याचिकाकर्ता के वकील यू एन त्रिपाठी ने तर्क दिया कि यह आदेश स्पष्ट रुप से ज्यादती है क्योंकि इसके तहत उसके मुवक्किल को मुंबई, मुंबई सबअर्बन, ठाणे और रायगड़ जिलों की सीमा से दूर रहना होगा. न्यायाधीशों ने त्रिपाठी के ज्यादती संबंधी तर्क को उचित माना. पीठ ने कहा कि आरोपी के खिलाफ दर्ज कई आपराधिक मामलों के संदर्भ में उसे तड़ीपार करने संबंधी आदेश और कारण बताओ नोटिस दिया गया. लेकिन ये सभी मामले शिवाजी नगर और देवनार पुलिस थाने के दायरे में आते हैं.