हैदराबाद : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आंध्र प्रदेश की राजधानी में अपने दो दिवसीय प्रवास के बाद आज नई दिल्ली रवाना हो गये.राज्यपाल ईएसएल नरसिंहन, मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी और राज्य सरकार के मंत्रियों ने यहां बेगमपेट हवाईअड्डे पर राष्ट्रपति को विदाई दी. प्रणब मुखर्जी ने इससे पहले सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस)के परिवीक्षाधीन अधिकारियों (2012) की दीक्षांत परेड का निरीक्षण किया.
इससे पूर्व कल रात कई दलों के नेताओं ने यहां राजभवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की और आंध्र प्रदेश के प्रस्तावित विभाजन के पक्ष में तथा विरोध में अपने-अपने विचार रखे. मुखर्जी हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा के प्रोबेशनर्स की दीक्षांत परेड का निरीक्षण करने के अलावा उन्हें संबोधित कर रहे थे.
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर खतरे का सामना करने के अलावा दूसरे देशों से आने वाले आतंकवाद का भी निशाना बना हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार वामपंथी अतिवाद से समग्र रुप से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है. यह अतिवादियों के खिलाफ द्विआयामी तरीका अपना रही है, जिसमें उनके खिलाफ अति-सक्रिय और निरंतर अभियान चला रही है और अतिवाद प्रभावित इलाकों में विकास और शासन प्रणाली के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है.’’
उन्होंने कहा कि देश को इन चुनौतियों से सीधे निपटना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमारे पुलिस बलों को जनता के मानवाधिकारों और संविधान का सम्मान करना चाहिए.’’उन्होंने कहा कि भारत के पहले गृहमंत्री ने बड़ी अपेक्षाओं के साथ अखिल भारतीय सेवाओं की शुरुआत की थी. पटेल चाहते थे कि लोकसेवक प्रशासन में सर्वोच्च निष्पक्षता और भ्रष्टाचार से मुक्त व्यवहार बनाकर रखें. पटेल ने लोकसेवकों को राजनीति में शामिल न होने और खुद को सांप्रदायिक झगड़ों से दूर रहने की भी सलाह दी थी.