नयी दिल्ली : सीबीआई के संबंध में उच्चतम न्यायालय की कड़ी टिप्पणियों के मद्देनजर सरकार ने आज एक मंत्रिसमूह का गठन किया जो सीबीआई को बाहरी प्रभाव से मुक्त करने के लिए एक कानून का मसौदा तैयार करेगा.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह (जीओएम) में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल, सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी और कार्मिक राज्यमंत्री वी नारायणसामी हैं. सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा भी नवगठित जीओएम के साथ अपनी राय साझा करेंगे. सूत्रों ने बताया कि यह मंत्रिसमूह सीबीआई की स्वायत्तता को और मजबूत करने के तरीकों पर विचार विमर्श करेगा.
उच्चतम न्यायालय ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक मामले पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को आड़े हाथ लिया था और उसे अपने राजनीतिक आकाओं का ‘पिंजरे में बंद तोता’ करार दिया था. शीर्ष अदालत ने सरकार से कहा था कि सीबीआई को बाहरी प्रभावों और हस्तक्षेप से मुक्त कराने के लिए कानून बनाने के प्रयास किये जाएं.
मंत्रिसमूह अपने निष्कषों को अंतिम रुप देकर कानून का मसौदा तैयार करेगा जिसे 10 जुलाई से पहले उच्चतम न्यायालय में जमा किया जाएगा. मामले में अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी. सीवीसी के निर्देश पर कोयला खदान आवंटन मामले में गड़बड़ी की जांच कर रही सीबीआई ने अब तक मामले में 11 प्राथमिकी दर्ज की हैं.