मुंबई : कॉकपिट तथा चालक दल के सदस्य सावधान. माउथवॉश, टूथजेल तथा कफ सिरप का इस्तेमाल करने पर आपको विमान से उतारा जा सकता है. क्योंकि इन उत्पादों में भी ‘अल्कोहल’ होता है.
विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय(डीजीसीए )पायलटों तथा चालक दल के अन्य सदस्यों के बीच शराब के सेवन पर अंकुश के लिए जो नए नियमों का मसौदा जारी किया है उसमें उन्हें आगाह किया गया है कि वे ऐसी किसी दवा या माउथवॉश या टूथ जेल का इस्तेमाल न करें, जिसमें अल्कोहल की मात्र है. इसके अलावा डीजीसीए ने फिलहाल इलाज करवा रहे चालक दल के सदस्यों को सुझाव दिया है कि वे किसी भी उड़ान पर जाने से पहले कंपनी के चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करें.
शराब रोधक नियमों को कड़ा करने के अपने प्रस्ताव के तहत नियामक ने भारत के बाहर से उड़ान भरने वाले विमानों के सभी पायलटों तथा चालक दल के सदस्यों के लिए उड़ान से पहले उनके लिए शराब सेवन की मेडिकल जांच को अनिवार्य कर दिया है.नियमाक ने अर्ध चिकित्सीय कर्मियों द्वारा सांस के विश्लेषण के परीक्षण को अनुमति देने का भी प्रस्ताव किया है. अभी तक इस तरह की जांच सिर्फ चिकित्सक कर सकते हैं. इसके अलावा शराब सेवन के दायरे में विमानों का रखरखाव करने वाले इंजीनियरों को भी शामिल किया गया है.
मौजूदा नियमों के अनुसार उड़ान की ड्यूटी से 12 घंटे पहले तक पायलट द्वारा शराब का सेवन नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन कई बार सांस की जांच में सफल होने के बावजूद इन पायलटों में ‘हैंगओवर’ पाया गया.