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मुख्‍यमंत्री राहत कोष का पैसा दिया डांस ग्रुप को, विवाद

मुंबई : महाराष्ट्र मुख्यमंत्री राहत कोष से एक डांस ग्रुप की थाईलैंड यात्रा के लिए आठ लाख रुपये मंजूर किये जाने पर विवाद पैदा हो गया है. विपक्ष ने सवाल उठाया है कि एक ऐसे समय में, जबकि राज्य भीषण सूखे की मार झेल रहा है, तब भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की ‘प्राथमिकताएं’ क्या […]

मुंबई : महाराष्ट्र मुख्यमंत्री राहत कोष से एक डांस ग्रुप की थाईलैंड यात्रा के लिए आठ लाख रुपये मंजूर किये जाने पर विवाद पैदा हो गया है. विपक्ष ने सवाल उठाया है कि एक ऐसे समय में, जबकि राज्य भीषण सूखे की मार झेल रहा है, तब भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की ‘प्राथमिकताएं’ क्या हैं? आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा आरटीआई के तहत पूछे गये सवाल के जवाब में यह बात सामने आयी कि सरकारी कर्मचारियों के एक डांस समूह को दिसंबर में बैंकॉक में होने वाली एक प्रतियोगिता में भाग लेना है, जिसके लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आठ लाख रुपये की मंजूरी दी है. उनके द्वारा मंजूर की गयी इस राशि को नृत्य प्रतियोगिता के लिए सचिवालय जिमखाना को हस्तांतरित कर दिया गया.

हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि कोष जारी करने में कुछ भी गलत नहीं है. इस कदम पर बढती आलोचनाओं के बीच अधिकारी ने कहा कि चैरिटी आयुक्त के समक्ष वर्ष 1967 में पंजीकृत मुख्यमंत्री राहत कोष का इस्तेमाल सांस्कृतिक गतिविधियों को आर्थिक मदद देने के लिए किया जा सकता है. बहरहाल, महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव संजय दत्त ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं दोषपूर्ण हैं. ‘वह सूखे के लिए धन देने की बजाय ज्यादा महत्व नृत्य के लिए धन देने को देती है.’

राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि जिस राज्य सरकार के पास कैंसर और दिल के मरीजों की मदद के लिए धन नहीं है, उसने एक डांस समूह की थाईलैंड यात्रा के लिए धन देने में बहुत फुर्ती दिखायी.’ उन्होंने कहा कि सरकार को यह धन वापस लेना चाहिए और यदि वह ऐसा करने में विफल रहती है तो फडणवीस को अपनी जेब से इसका भुगतान करना चाहिए. जिमखाना ने सरकारी कर्मचारियों के अपने 15 सदस्यीय दल को 26-30 दिसंबर तक होने वाली नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बैंकॉक में भेजने के लिए मदद मांगी थी. पांचवे ‘कल्चरल ओलंपियाड ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स 2015′ का आयोजन बैंकॉक में ‘ग्लोबल काउंसिल ऑफ आर्ट एंड कल्चर’ द्वारा किया जा रहा है.

वर्ष 2008 में पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने आरटीआई के जरिए यह खुलासा किया था कि वर्ष 2003 से 2005 के बीच जब कांग्रेस-राकांपा की सरकार थी तब एकत्र सार्वजनिक धन कबड्डी प्रतियोगिता, महिलाओं के एक फुटबॉल मैच, एक गजल प्रतियोगिता, एक मराठी अभिनेता के प्रशंसक क्लब और कांग्रेस के विधायक के धार्मिक आयोजन के आयोजकों को दिया गया था. अधिकारी ने कहा, ‘कोष के वितरण का फैसला मुख्यमंत्री के विवेक से और उनके निर्देशों के अनुरुप किया जाता है.’ मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने कहा कि धन सरकारी कर्मचारियों के लिए मंजूर किया गया है और यह किसी व्यवसायिक प्रस्तुति के लिए नहीं है. उन्होंने कहा, ‘कोष के वितरण में कोई गलत बात नहीं है.’

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