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पिता और दादी की तरह मेरी भी हत्या हो सकती हैः राहुल

चुरु : भाजपा पर सांप्रदायिकता की आग भड़काने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने आज कहा कि पार्टी की ‘घृणा की राजनीति’ देश के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रही है और आशंका जताई की उनकी दादी और पिता की ही तरह उनकी भी हत्या हो सकती है. उनकी दादी और पिता हिंसा का शिकार […]

चुरु : भाजपा पर सांप्रदायिकता की आग भड़काने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने आज कहा कि पार्टी की ‘घृणा की राजनीति’ देश के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रही है और आशंका जताई की उनकी दादी और पिता की ही तरह उनकी भी हत्या हो सकती है. उनकी दादी और पिता हिंसा का शिकार हो चुके हैं.

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि जब उन्होंने उत्तर प्रदेश में दंगा प्रभावित मुजफ्फरनगर का कुछ समय पहले दौरा किया तो उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों दोनों से बातचीत की और उनके शब्दों में वह अपनी कहानी को देख पा रहे थे. गांधी ने कहा, ‘‘मैं उनके दुख में अपना चेहरा देख रहा था. इसलिए मैं उनकी (भाजपा) राजनीति के खिलाफ हूं. वे क्या करते हैं. वे मुजफ्फरनगर में ज्वाला भड़का देंगे, गुजरात में ज्वाला भड़का देंगे, उत्तर प्रदेश में आग भड़का देंगे और कश्मीर में आग भड़का देंगे और उसके बाद आप और हम उसे बुझाएंगे. यह देश को क्षति पहुंचाता है.’’

राहुल गांधी ने कहा कि इस तरह की राजनीति गुस्सा और असहमति को जन्म देती है और हिंसा में बेशकीमती जान जाती है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी दादी की हत्या हुई थी. मेरे पिता की हत्या हुई थी और शायद एक दिन मेरी भी हत्या हो सकती है. मैं परेशान नहीं हूं. मैं दिल से जो महसूस करता हूं उसे आपसे कहना चाहता हूं.’’ गांधी की दादी इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या की थी. उनके पिता राजीव गांधी की भी लिट्टे ने हत्या कराई थी. उन्होंने एक वाकये का उल्लेख करते हुए बताया कि पंजाब का एक विधायक हाल में उनके कार्यालय में आया और उनसे कहा कि अगर वे 20 साल पहले मिले होते तो उसने गुस्से में कांग्रेस उपाध्यक्ष की हत्या कर दी होती.

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी गुस्सा हो सकता है. गुस्सा जानबूझकर लोगों में भरा जाता है. नेता इसे करते हैं. निहित स्वार्थ रखने वाली पार्टी इसे करती है. और तब इससे आहत होने वाले आम आदमी को अपने साथ इस गुस्से को लेकर चलना होता है. वह हर जगह इस गुस्से के साथ आता-जाता रहता है. इसलिए मैं भाजपा की राजनीति के खिलाफ हूं. क्योंकि वे राजनैतिक फायदे के लिए उन्हें (लोगों को) चोट पहुंचाते हैं.’’ उन्होंने एक जनसभा में कहा कि उनकी दादी की हत्या के बाद उन्हें पता चला कि हत्यारे सतवंत सिंह और बेअंत सिंह दीपावली पर उनकी दादी पर ग्रेनेड फेंकना चाहते थे. उस सभा में सिख समुदाय के लोग भी थे. गांधी ने कहा कि बेअंत और सतवंत सिंह के खिलाफ अपने गुस्से को हटाने में उन्हें 10 से 15 साल लगे. बेअंत और सतवंत सिंह उनकी दादी इंदिरा गांधी के अंगरक्षक थे.

वहां बैठे सिखों की तरफ इशारा करते हुए गांधी ने कहा कि उस वक्त पंजाब के लोग गुस्से में थे लेकिन अब वह गुस्सा कम हो गया है. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ महीने पहले पंजाब का एक विधायक मेरे पास आया. बातचीत चल रही थी. जाने से पहले उसने मुझसे कहा कि अगर 20 साल पहले वह मुझसे मिला होता तो उसने मेरी हत्या कर दी होती. उसने कहा कि वह उस वक्त गुस्से से भरा था लेकिन अब वह मुझे गले लगा सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उस गुस्से को शांत होने में वर्षों लगते हैं लेकिन उसे भड़काने में एक मिनट का वक्त लगता है. उस गुस्से को हटाने और भ्रातृत्व पैदा करने में काफी वक्त लगता है.’’ सांप्रदायिक हिंसा के कारण लोगों के एक हिस्से में गुस्से को समाज में अभाव के कारण रोष के बड़े विषय से जोड़ते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि गुस्सा न सिर्फ लोगों की हत्या से पैदा होता है बल्कि यह भूख से भी पैदा होता है.

युवाओं को संबोधित करते हुए गांधी ने राजनैतिक व्यवस्था में कोटावाद को खत्म करने का भी वादा किया, जहां सिर्फ चंद लोग व्यवस्था को चलाते हैं. उन्होंने कहा कि वह ऐसा उसी तरह करेंगे जैसे उनके दिवंगत पिता राजीव गांधी ने टेलीफोन के आवंटन में कोटा प्रणाली को समाप्त किया था. गांधी ने कहा, ‘‘हमें अगले 10 वर्षों में एक चीज और बदलनी है और इसे हमें युवाओं के साथ करना है. हमारे देश की सबसे बड़ी कमी राजनैतिक व्यवस्था में है. चाहे यह भाजपा हो या कांग्रेस, बसपा हो या सपा. इस व्यवस्था को महज 300 से 400 लोग चला रहे हैं. मैं चाहता हूं कि आने वाले वर्षों में व्यवस्था को लाखों युवा चलाएं.’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘राजीव गांधी ने (लैंडलाइन) टेलीफोन में कोटा को समाप्त कर दिया था और आप सबको अपने हाथ में मोबाइल फोन मिला. मैं राजनीतिक व्यवस्था में इस कोटावाद को खत्म करना चाहता हूं और जैसे मोबाइल फोन आपके हाथ में है उसी तरह भविष्य में राजनैतिक शक्ति आपके हाथ में होगी.’’देश में साल 2014 के बाद राजनैतिक बदलाव आने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि एकबार जब कांग्रेस पार्टी इसे शुरु करती है तो अन्य दल भी इसका अनुकरण करेंगे जैसा वे अन्य पहलुओं में करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘साल 2014 के लिए लड़ाई चल रही है. मेरा काम चुनाव जीतना नहीं है बल्कि भविष्य के लिए दूरगामी सोच के बारे में भी आपको बताना है.’’

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण राजस्थान के युवकों को न सिर्फ भारत में बल्कि आनेवाले समय में विदेश में भी रोजगार मिलेगा. गांधी ने कहा कि कांग्रेस अधिकारों की राजनीति कर रही है. अपने भाषण में कहानियों का सहारा लेते हुए उन्होंने विस्तार से समाज में अमीर और गरीब के बीच विभाजन के बारे में चर्चा की और लोगों से कहा कि भाजपा सिर्फ सड़कों के बारे में बात करती है जबकि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने न सिर्फ उनकी तुलना में तीन गुना अधिक सड़कें बनवाईं बल्कि रोजगार, खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिकार भी खाद्य सुरक्षा, मनरेगा और भूमि अधिग्रहण जैसे कानूनों से दिया.गांधी ने कहा, ‘‘जब कोई महिला टेलीविजन देखती है तो वह अमीरों को हवाई जहाज, बड़ी नौकाओं और कारों में देखती है और दूसरी ओर उनके बच्चे भूखे हैं और घर पर बेकार बैठे हैं. वे पूछते हैं कि उनका क्या होगा. वे कब हवाई जहाज और पानी के जहाज में बैठेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी तरफ युवाओं का अपना दर्द है. हम गरीब, अमीर सभी समुदायों और सभी धर्मों से जुड़े लोगों को साथ लाना चाहते हैं. हम यह नहीं कह रहे हैं कि सिर्फ गरीब भारत में रहते हैं. बिना व्यापार और उद्योग के देश प्रगति नहीं कर सकता. हम चाहते हैं कि गरीबों और अमीरों के बीच भागीदारी हो.’’गांधी ने कहा कि नई रेलवे लाइन बिछाने और मालवाहक गलियारा स्थापित करने जैसे कार्यों से देश में युवाओं के लिए विनिर्माण क्षेत्र में नए रास्ते खुलेंगे. रैली में महिलाओं और युवाओं से संवाद करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने उनसे कहा कि उनकी पार्टी ने उनका दर्द और गुस्सा कम करने का प्रयास किया है और करोड़ों बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कदम उठाती है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस गरीबों की और अधिकारों की राजनीति कर रही है. मैं चाहता हूं कि देश एकजुट रहे और साथ मिलकर लड़े.’’

उन्होंने कहा कि भाजपा की राजनीति के कारण देश का ताना-बाना क्षतिग्रस्त होता है और लोग मारे जाते हैं. उन्होंने अपनी दादी और पिता की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘यह देश की मदद नहीं करता है. यह देश को क्षति पहुंचाता है. लोग इसके कारण मरते हैं और यह गुस्सा पैदा करता है. मैंने इसे एक बार नहीं बल्कि दो बार देखा है.’’

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