चेन्नई: देश की पश्चिमी सीमा पर बार-बार किए जा रहे संघर्ष-विराम उल्लंघन के मद्देनजर अखिल भारतीय आतंकवाद निरोधक मोर्चा (एआईएटीएफ) ने आज कहा कि पाकिस्तान को ‘‘आतंकवादी मुल्क’’ घोषित करने की खातिर भारत संयुक्त राष्ट्र में दस्तावेज पेश करे. एआईएटीएफ के अध्यक्ष एम एस बिट्टा ने यहां बताया, ‘‘हम 13 दिसंबर को संसद पर हुए आतंकवादी हमले, मुंबई में 26..11 के आतंकवादी हमले, भारतीय सैनिकों का सिर कलम किए जाने की घटना और सीमा पर हर रोज किए जा रहे संघर्ष-विराम उल्लंघन से जुड़े दस्तावेज इकट्ठा करेंगे और उन्हें संयुक्त राष्ट्र के समक्ष पेश करेंगे ताकि पाकिस्तान को आतंकवादी मुल्क घोषित किया जा सके.’’
पाकिस्तान से किसी तरह की बातचीत का विरोध करते हुए बिट्टा ने कहा, ‘‘गोली का जवाब गोली.’’ उन्होंने कहा कि दुनिया को यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान आतंकवाद के उद्योग का पालन-पोषण करता है और वह ‘‘आतंकवाद की जननी’’ है. जम्मू-कश्मीर में सेना की मौजूदगी में इजाफा करने की वकालत करते हुए बिट्टा ने कहा कि घाटी हर रोज खतरे का सामना करती है.बिट्टा ने यह भी कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों का ख्याल रखने के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने की जरुरत है और आतंकवाद से जुड़े मुकदमे छह महीने में निपटाने की खातिर आतंकवाद-निरोधक अदालतें होनी चाहिए.
शरीफ ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी चिंता (कश्मीर को लेकर चिंता )उठायी थी और विश्व ने इसकी प्रशंसा की थी. एक बार फिर अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान मैं इस संदेश को फिर से दोहराउंगा.’’यद्यपि पाकिस्तान इस बात को लेकर इच्छुक है कि अमेरिका हस्तक्षेप करे लेकिन अमेरिका ने यह कई बार कहा है कि भारत और पाकिस्तान को अपनी बातचीत की ‘‘गति, दायरा और स्वरुप‘’’ निर्धारित करना चाहिए.
ओबामा और शरीफ की मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान मुद्दे के अलावा जिन अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी उनमें भारत.पाकस्तान संबंध शामिल रहने की उम्मीद है. शरीफ की इस कार्यकाल में अमेरिका की पहली द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा होगी. इसके साथ ही यह गत पांच वर्षों में किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा होगी. शरीफ ने गत महीने न्यूयार्क की यात्रा की थी लेकिन वह यात्रा संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए थी.