गांधीनगर : एक स्थानीय अदालत ने कथित यौन उत्पीड़न के मामले में प्रवचन करने वाले आसाराम को आज 19 अक्तूबर तक के लिये पुलिस हिरासत में दे दिया. इस मामले में सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं.
मजिस्ट्रेट वी ए बुध ने आसाराम को सिर्फ 19 अक्तूबर तक के लिये पुलिस हिरासत में दिया. आसाराम को कड़ी सुरक्षा के बीच आज सुबह अदालत में पेश किया गया था. पुलिस ने पूछताछ के लिये उन्हें 14 दिन की पुलिस हिरासत में देने का अनुरोध किया था.इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में वादकारियों के अलावा किसी अन्य को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी थी. जोधपुर स्थित आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार 72 वर्षीय आसाराम को कल रात ही स्थानांतरण वारंट पर जोधपुर से यहां लाया गया था. जोधपुर में आसाराम इस समय न्यायिक हिरासत में हैं.
पुलिस ने आसाराम को 14 दिन की हिरासत में देने का अनुरोध करते हुये अपनी अर्जी में इसके लिये कई कारणों का जिक्र किया था. पुलिस का कहना था कि कथित अपराध के बारे में आरोपियों से पूछताछ की जानी है, उनका मेडिकल परीक्षण होना है और अपराध से जुड़ी वस्तुयें बरामद करनी हैं. पुलिस की अर्जी में यह भी कहा गया था कि वे जांच करके यह भी पता लगाना चाहते हैं कि क्या आश्रम में दूसरी लड़कियों के साथ ही इसी तरह का शोषण किया गया था या नहीं.
आसाराम के वकील बी एम गुप्ता ने रिमांड अर्जी का विरोध करते हुये कहा कि यह मामला राजनीतिक दबाव में दायर किया गया है और यह 12 साल पुराना मामला है. गुप्ता ने अदालत में कहा कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसे साक्ष्य गढ़कर झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. उनका कहना था कि इस मामले में पुलिस हिरासत की आवश्यकता नहीं है क्योंकि पुलिस पहले ही प्रारंभिक जांच पूरी कर चुकी है.
सूरत पुलिस ने हाल ही में आसाराम और उनके पुत्र नारायण साई के खिलाफ बलात्कार, यौन उत्पीड़न, गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने और दूसरे आरोपों में दो बहनों की शिकायत दर्ज की थी. आसाराम के खिलाफ शिकायत अहमदाबाद में चांदखेड़ा थाने को स्थानांतरित कर दी गयी थी क्योंकि कथित वारदात उनके इसी आश्रम में हुयी थी. यह मामला गांधीनगर की अदालत में चल रहा है क्योंकि चांदखेड़ा इलाका गांधीनगर जिले में आता है.