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भारत में संप्रग की भी होगी पीपीपी जैसी हालत : शरद

जबलपुर (मप) : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (राजग) अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि पाकिस्तान के आम चुनाव में जैसी हालत पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की हुई है, वैसी ही हालत भारत में 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (संप्रग) की भी होगी. जबलपुर संभाग के पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक को […]

जबलपुर (मप) : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (राजग) अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि पाकिस्तान के आम चुनाव में जैसी हालत पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की हुई है, वैसी ही हालत भारत में 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (संप्रग) की भी होगी.

जबलपुर संभाग के पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करने यहां आये यादव ने आज संवाददाताओं से बातचीत में कहा, पाक में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के दल पीपीपी की जो हालत इस आम चुनाव में हुई है, बिलकुल वैसी ही हालत भारत में 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व वाले संप्रग की होने वाली है.

उन्होंने कहा कि जिस तरह पाकिस्तान की जनता जरदारी प्रशासन के कुशासन से त्रस्त हो गयी थी, कुछ वैसी ही हालत भारत की जनता की भी है और वह संप्रग सरकार में महंगाई, भ्रष्टाचार और कुशासन से परेशान है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन विजय की ओर बढ़ रही है, उसके लिए वह शरीफ को बधाई देते हैं. उन्हें उम्मीद है कि उनकी जीत से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार आएगा.

प्रश्न के उत्तर में जनता दल (यू) अध्यक्ष ने कहा कि वह रिश्वत प्रकरण में फंसे तत्कालीन रेल मंत्री पवन बंसल को ईमानदार व्यक्ति समझते थे, इसलिए उनके पक्ष में बयान दिए थे, लेकिन जब पार्टी एवं अन्य लोगों से उनके एवं उनके परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने भी उनसे इस्तीफे की मांग की.

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के व्यापार में हजारों प्रतिशत की वृद्धि कैसे हो सकती है. ईंट भट्टा लगाने वाला व्यक्ति अरबपति कैसे बन सकता है. संप्रग सरकार में देश की हालत बेहद चिंतनीय है और भ्रष्टाचार अपने चरम पर है.

कोलगेट घोटाले पर पूछे गए सवालों के जवाब में यादव ने कहा कि जिन कोयला ब्लॉकों में आवंटन के बावजूद काम नहीं हो रहा है उन्हें रद्द किया जाना चाहिए और नियमानुसार उनका नया आवंटन एक माह में होना चाहिए.

नए सिरे से कोयला ब्लॉकों का आवंटन कर घोटालों को रोका जा सकता है और जिन ब्लॉकों से कोयला निकाला जा रहा है, उनकी जांच होनी चाहिए.

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