नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने छात्रों के लिए पिटारा खोला है. चुनाव नजदीक हैं इसलिए सरकार छात्रों को लुभाने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिले को लेकर एक बड़ा फैसला करते हुए 90 फीसदी सीटों पर दिल्ली में रहने वाले छात्रों को रिजर्व करने का प्रस्ताव डीयू को भेजा है.
चुनावी मौसम में दिल्ली सरकार ने युवाओं को रिझाने की कोशिश की है. सरकार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए आरक्षण का बड़ा दांव खेला है. इसके तहत दिल्ली में रहने वाले छात्रों को आरक्षण देने का प्रस्ताव है, जिससे संबंधित प्रस्ताव डीयू को भेज दिया गया है.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री एके वालिया ने कहा, ‘हमने प्रस्तान भेजा है, ताकि दिल्ली के छात्रों को मिले आरक्षण का फायदा मिले.’ दिल्ली सरकार जिन कॉलेजों को अनुदान देती है उनमें दिल्ली के छात्रों को एडमिशन दिलाने की प्राथमिकता दिलाना चाहती है. इसके लागू होने पर सरकारी अनुदान मिलने वाले कॉलेजों में दिल्ली के छात्रों के लिए 90 फीसदी सीटें रिजर्व हो जाएंगी.
दिल्ली के कुल 28 कॉलेजों में 12 कॉलेजों को दिल्ली सरकार से 100 फीसदी अनुदान मिलता है, जबकि डीयू के 16 कॉलेजों को दिल्ली सरकार से 5 फीसदी अनुदान मिलता है. आरक्षण लागू होने के बाद इन 16 कॉलेजों में 50 फीसदी सीटें रिजर्व हो जाएंगी. दिल्ली यूनिवर्सिटी के तमाम कॉलेजों में 61 हजार 475 सीटें हैं. इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद डीयू की 36 हजार 400 सीटें आरक्षित हो जाएंगी.
फिलहाल डीयू में सिर्फ 17 हजार ऐसे छात्र हैं जो दिल्ली के रहने वाले हैं. प्रस्ताव लागू होने के बाद 19 हजार और सीटें दिल्ली वालों के लिए आरक्षित हो जाएंगी. प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली की लड़कियों को 5 फीसदी अतिरिक्त नंबर देने का प्रवधान रखा गया है.
वहीं, बीजेपी ने दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए पूछा है, आखिर चुनाव के दौरान ही सरकार को आरक्षण की याद क्य़ों आ रही है. डॉ हर्षवर्धन ने कहा, ’15 साल के बाद इनकों क्यों याद आता है इसी साल चुनाव है चुनाव के दौरान ही इन्हे चिंता हो रही है.’