नयी दिल्ली : देशभर के स्कूलों में शिक्षकों के 11.87 लाख पद रिक्त होने, मध्याह्न भोजन योजना में स्वच्छता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने, इस योजना की निगरानी के लिए अधिकार सम्पन्न समिति गठित करने, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा मिशन गठित करने जैसे विषयों पर केंद्र और राज्यों के शिक्षा मंत्री, शिक्षाविद एवं अन्य पक्ष विचार विमर्श करेंगे.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 10 अक्तूबर 2013 को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड ( केब ) की बैठक होगी जिसमें शिक्षकों की कमी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के मध्यम से शिक्षा, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा मिशन, मध्याह्न भोजन योजना जैसे विषयों पर चर्चा होगी.
उन्होंने कहा कि बैठक में स्कूलों में सतत समग्र मूल्यांकन (सीसीई) के अमल की भी समीक्षा की जायेगी. साथ ही शिक्षकों के पेशेवर विकास पर भी विचार किया जायेगा. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के तीन वर्ष बाद देश में अभी भी शिक्षकों के 11.87 लाख रिक्त पदों में से आधे बिहार, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल में है. देश में शिक्षकों के कुल रिक्त पदों में बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश का हिस्सा 52.29 प्रतिशत है. देश भर में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर शिक्षकों के तीन लाख पद रिक्त हैं.
बिहार में शिक्षकों के 2.60 लाख पद रिक्त हैं, जबकि छह से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्रदान करने की पहल के तहत बिहार में शिक्षकों के 5.93 लाख पद मंजूर किये गए हैं. राज्य में अभी भी 49.14 प्रतिशत स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग शौचालय नहीं हैं.
उत्तरप्रदेश में शिक्षकों के 3.06 लाख पद रिक्त हैं जबकि शिक्षा का अधिकार प्रदान करने की पहल के तहत 8.17 लाख पद मंजूर किये गए. राज्य में 81.07 प्रतिशत स्कूल ऐसे हैं जहां लड़के और लड़कियों के लिए अलग शौचालय की सुविधा उपलब्ध है.