मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने एक चश्मदीद गवाह की गवाही को स्वीकार करते हुए दो महिलाओं की हत्या के मामले में सांगली निवासी एक व्यक्ति की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है.
दोषसिद्धि के खिलाफ जनार्दन माली की अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीडी कोडे और न्यायमूर्ति वीके ताहिलरमानी ने यह कहते हुए उसकी उम्रकैद की सजा बरकरार रखी कि निचली अदालत में पेश किये गये सबूत चश्मदीद गवाह की बात से मेल खाते हैं.
न्यायाधीशों ने पिछले हफ्ते जारी अपने आदेश में कहा, रिकॉर्ड को देखते हुए हमें लगता है कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि अपीलकर्ता ने संगीता और इंदूबाई पर तलवार से हमला किया जिससे उनकी मौत हो गयी. इसलिए अपील हमें विचार योग्य नहीं लगती और इसलिए इसे खारिज किया जाता है.
संगीता माने और उसकी रिश्तेदार इंदूबाई की जनार्दन माली ने 20 जुलाई 2007 को उस समय हत्या कर दी थी जब वे सांगली जिले के उपाले वांगी में घावचली शिवर क्षेत्र में बकरियां चराने गयी थीं.
जनार्दन वहां तलवार लेकर पहुंचा और इंदूबाई पर वार किया. वह चिल्लाकर गिर पड़ी. फिर उसने संगीता के सिर पर वार किया. वह भी गिर गयी. उसने पूछा, तुम मुझे क्यों मार रहे हो, मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है. इस पर जनार्दन बोला, तुमने मुझसे संबंध तोड़ने के लिए मुझ पर चोरी का आरोप लगाया. तुम्हारे जिंदा रहने का कोई मतलब नहीं है. घटना को अंजाम देकर वह वहां से भाग गया.