नयी दिल्ली : सरकार ने कुछ मामलों में विधवाओं के लिए पारिवारिक पेंशन हासिल करने से संबंधित उस नियम को बदल दिया है जिसके तहत उन्हें अपना दर्जा प्रमाणित कराने के लिए दो राजपत्रित अधिकारियों के समक्ष पेश होना होता है.कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मामलों के मंत्रालय को विभिन्न तबकों से आग्रह मिला है जिसमें पारिवारिक पेंशन के लिए फॉर्म 14 के जरिए आवेदन करने की शर्त को हटाने को कहा गया है. आग्रह में कहा गया है कि इस नियम की वजह से विधवाओं को असुविधा होती है जिनके लिए दो राजपत्रित अधिकारियों या प्रमाणन कार्य से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्तियों के समक्ष पेश होना मुश्किल और लज्जजनक होता है.
मंत्रालय ने एक आदेश में कहा, मामले की पड़ताल की गई और यह सहमति बनी है कि जिस मामले में पेंशनभोगी और जीवनसाथी का संयुक्त खाता हो, वहां किसी और व्यक्ति द्वारा पारिवारिक पेंशन के लिए दावा करने की संभावना नहीं है, इसलिए ऐसे मामले में फॉर्म 14 की आवश्यकता नहीं है.
आदेश में कहा गया है, पेंशनभोगी की मृत्यु पर जीवनसाथी एक साधारण पत्र के जरिए बैंक को सूचित और आग्रह कर सकता है. वह (पुरुष या महिला) पेंशनभोगी की मृत्यु से संबंधित प्रमाण पत्र, पेंशन भुगतान आदेश, अपनी उम्र या जन्मतिथि के सबूत की प्रति और अतिरिक्त भुगतान की रिकवरी का हलफनामा संलग्न कर सकता है.
अन्य मामलों, जहां पेंशन, पेंशनभोगी या उसके जीवनसथी के संयुक्त खाते में नहीं जा रही, वहां बैंकों द्वारा फॉर्म 14 लेने का नियम जारी रहेगा. आदेश में कहा गया, हालांकि, फॉर्म 14 के प्रमाणीकरण की शर्त को हटा दिया गया है और दो लोगों की गवाही को ही पर्याप्त माना जाएगा.
पारिवारिक पेंशन शुरु होने से पहले बैंकों द्वारा जीवनसाथी का व्यक्तिगत पहचान विवरण जैसे कि हस्ताक्षर नमूना, पहचान चिह्न और बाएं हाथ के अंगूठे का निशान, उम्र या जन्मतिथि के सबूत और अतिरिक्त भुगतान की रिकवरी के लिए हलफानामा लिया जाता है. फॉर्म 14 मानक प्रक्रिया पत्रक के रुप में काम करता है जो पेंशन प्रदान करने वाले बैंक को सूचना की सही जरुरत को परिभाषित और वर्णित करता है. देश में करीब 30 लाख केंद्रीय पेंशनभोगी हैं.