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समाज के ध्रुवीकरण के लिए बार-बार कराये जा रहे हैं दंगे

नयी दिल्ली : सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में बढोतरी पर चिंता का इजहार करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज कहा कि दंगों की बारंबारता दर्शाती है कि ऐसे संघर्षों के पीछे कोई कुटिल मंशा है और समाज के ध्रुवीकरण का प्रयास हो रहा है. शिंदे ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा के आंकडों […]

नयी दिल्ली : सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में बढोतरी पर चिंता का इजहार करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज कहा कि दंगों की बारंबारता दर्शाती है कि ऐसे संघर्षों के पीछे कोई कुटिल मंशा है और समाज के ध्रुवीकरण का प्रयास हो रहा है.

शिंदे ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा के आंकडों से पता चलता है कि पिछले दो साल में बढोतरी का रुझान है और छिटपुट घटनाएं हिंसा की बडी घटनाओं में तब्दील हो जाती हैं जिससे प्रभावित समुदाय के लोगों का विस्थापन होता है.

राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं की बारंबारता विशेषकर पिछले कुछ महीनों में हुई इस तरह की घटनाएं प्रदर्शित करती हैं कि इनके पीछे कोई कुटिल मंशा है. ऐसा पाया गया है कि सांप्रदायिक ताकतों का दुस्साहस बढ गया है और वे समाज का धु्रवीकरण करने की कोशिश कर रही हैं.

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में यह बैठक उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर दंगों के परिप्रेक्ष्य में बुलायी गयी है, जिसमें 48 लोगों की मौत हो गयी थी.परिषद के सदस्यों में केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता, राज्यों के मुख्यमंत्री और संघशासित क्षेत्रों के उप राज्यपाल शामिल हैं.

राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नेता, राष्ट्रीय आयोगों के अध्यक्ष, प्रख्यात पत्रकार, सार्वजनिक हस्तियां और कारोबार जगत एवं महिला संगठनों के प्रतिनिधि भी 148 सदस्यीय परिषद में हैं. शिंदे ने कहा कि समाज में विभाजन पैदा करने के लिए केवल कुछ लोगों का छोटा समूह ही जिम्मेदार है. ऐसी ताकतों को काबू करना सभी संबद्ध लोगों का कर्तव्य है.

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