बिलासपुर: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि सरकार बिजली उत्पादन बढाने के लिए ईंधन की बचत करने वाली सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी पर ध्यान दे रही है. सिंह यहां बिलासपुर जिले के सीपत में 2,980 मेगावाट क्षमता वाले सीपत सुपर थर्मल पावर स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित कर रहे थे. उन्होंने समारोह स्थल से ही रिमोट कंट्रोल के जरिए रायगढ़ जिले के लारा में एनटीपीसी की एक और सुपर क्रिटिकल ताप बिजली परियोजना के पहले चरण की आधारशीला भी रखी. इसका पहला चरण 1,600 मेगावाट का होगा.
सिंह ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में देश में एक लाख मेगावाट से भी ज्यादा बिजली का उत्पादन लक्ष्य रखा गया है. 11वीं योजना में देश में उत्पादन क्षमता में 55 हजार मेगावाट की रिकार्ड बढ़ोतरी हुई है. जो 10 वीं योजना के दौरान बढ़ी क्षमता से दुगुनी है. उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने बिजली उत्पादन क्षमता बढाने के लिए कारगर उपाय किए हैं. 12वीं योजना (2012-17) के दौरान हमारा लक्ष्य है कि हम देश में लगभग 1,18,000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित कर सकें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 13वीं पंचवर्षीय योजना (2017-22) से देश में ताप बिजली घरों के लिए केवल सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी ही अपनायी जाएगी. सिंह ने कहा कि बिजली उत्पादन लागत को कम रखने और उससे पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए उनकी सरकार ने देश में सुपर क्रिटिकल पावर प्लाटों को प्रोत्साहन देने के उपाय किए है. इसकी वजह से दुनिया की सभी बड़ी बिजली कंपनियों ने भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर भारत में विश्वस्तरीय तकनीक वाले प्लांट लगाने की इच्छा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने शर्त रखी है कि सुपर क्रिटिकल इकाइयों को भारत में ही तैयार किया जाए और टेंडर में सफल होने वाली कंपनियां पूरी तकनीक भारतीय कंपनियों को सौंपे.