मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े मामलों की जांच के लिए गठित की गई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, दो पुलिस उपाधीक्षक तथा 30 पुलिस इंसपेक्टरों की विशेष शाखा ने सबूत इकट्ठा करना शुरु कर दिया है.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कल बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर यह शाखा बनायी गयी है. उन्होंने बताया कि दंगा भड़कने के बाद से करीब 1700 हथियार लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और 5000 अन्य हथियार लाइसेंस धारकों को नोटिस जारी किया गया.
उन्होंने बताया कि 4729 परिवारों के 7,198 लोग प्रशासन द्वारा स्थापित 41 राहत शिविरों में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर मुजफ्फरनगर के 32 गांवों में कमोबेश समस्या पैदा हुई. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक :एसएसएपी: प्रवीण कुमार ने बताया कि दंगे के मामलों की जांच के लिए करीब 20 विशेष जांच दल बनाए गए हैं.
उन्होंने कल कहा कि जांचदलों से दंगाप्रभावितों की शिकायतें सुनने के लिए राहत शिविरों में जाने को कहा गया है और लोग अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए एसएसपी कैंप ऑफिस भी आ सकते हैं. इस बीच, दंगा भड़काने के आरोप से घिरे भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख नरेश टिकैत ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.