नयी दिल्ली: सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों के चलते सांप्रदायिकता एवं जातिवाद से मुकाबला करने के बारे में विचार विमर्श के लिए 23 सितंबर को राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआईसी) की बैठक बुलायी है.
प्रधानमंत्री मनमोहन की अध्यक्षता में होने वाली एनआईसी की बैठक में मुजफ्फरनगर दंगों जैसी सांप्रदायिक हिंसा की बढ़ती हिंसा की घटनाओं पर विस्तार से चर्चा की जायेगी. केंद्रीय मंत्री, लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता, सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री एनआईसी के सदस्य हैं.
राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों के नेता, राष्ट्रीय आयोगों के प्रमुख, प्रख्यात पत्रकार, गणमान्य लोगों, व्यापार प्रतिनिधि तथा महिला संगठनों के प्रतिनिधि भी करीब 150 सदस्यीय एनआईसी के सदस्य हैं. एनआईसी की बैठक काफी महत्व रखती है क्योंकि इस साल अगस्त के अंत तक देश भर सांप्रदायिक हिंसा संबंधी 451 घटना हो चुकी हैं. पिछले साल इस तरह की 410 घटनाएं हुई थीं.
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे बुधवार को कहा था कि केंद्र सरकार ने 2014 के आम चुनाव से पहले 11 राज्यों को संभावित सांप्रदायिक हिंसा के बारे में आगाह किया था. उन्होंने राज्यों से ऐसी घटनाओं के प्रति सतर्क रहने को कहा था.