मुजफ्फरनगर : खूनखराबे और तोड़ फोड़ के मंजर का सामना कर चुके जिले के निवासियों में अब एक तरह का भय का माहौल छा गया है जिसे देखकर ऐसा लगता है कि साम्प्रदायिक हिंसा से शरीर पर बने घाव तो वक्त के साथ भर जाएंगे लेकिन मानसिक जख्मों को भरने में कहीं अधिक समय लगेगा.
आनंद विहार कॉलोनी के निवासी विकास कुमार ने बताया, ‘‘साम्प्रदायिक झड़प के चलते दोनों समुदायों बीच अविश्वास की खाई चौड़ी हो गई है और उनके संबंध सामान्य होने में कुछ वक्त लगेगा.’’ सेना और पुलिसकर्मी लगातार निगरानी कर रहे हैं और देश की नजरें इस जिले पर टिकी हैं लेकिन यहां के निवासियों के मन से असुरक्षा की भावना दूर नहीं हो पाई है.
रात के वक्त कर्फ्यू लगाया जा रहा है, वहीं स्थानीय लोग अपने अपने घरों के आगे छोटे छोटे समूह में एकत्र हो जाते हैं. महिलाएं, युवा और बच्चे समूह में एकत्र होते हैं ताकि चौकस रह सकें और अपने माता पिता को पहरेदारी में मदद कर सकें. रात की पहरेदारी करीब 10 बजे से शुरु होती है सुबह होने तक की जाती है.
रिषभ विहार के निवासी भूपेन्द्र सिंह ने कहा, ‘‘लोगों में भय का माहौल है.चारों ओर पुलिस और सेना की मौजूदगी के बावजूद वे लोग सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं.’’ शाहपुर गांव के हाजी सईद ने बताया, ‘‘हम चक्रीय आधार पर रात में लोगों से पहरे दिला रहे हैं.’’ उन्होंने बताया कि अन्य गांवों के करीब 1500 लोगों ने शाहपुर में शरण ले रखी है.एसएसपी प्रवीण कुमार ने स्वीकार किया कि जिले में लोगों के मन में भय समाया हुआ है लेकिन पुलिस हालात सामान्य करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.