भोपाल : केंद्रीय उर्जा राज्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान समिति अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा द्वारा उन्हें ‘सामंत’ बताए जाने पर कड़ी आपत्ति प्रकट करते हुए कहा है कि उनके बारे में भाजपा का ऐसा कहना आश्चर्यजनक है, क्योंकि जब उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया उस पार्टी की संस्थापक सदस्य रहीं, तब उन्हें चिंता क्यों नहीं हुई.
राज्य विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पहली बार भोपाल आए सिंधिया ने आज शाम प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, ‘‘भाजपा उन्हें सामंत बता रही है, यह आश्चर्यजनक है, क्योंकि उनकी दादी भाजपा की संस्थापक सदस्य थीं और उनकी बुआ, राजस्थान की भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री रहीं, तब इस पार्टी को चिंता क्यों नहीं हुई’’.
उन्होने कहा कि केवल किसी के घर में पैदा होने से सामंती होने का कलंक नहीं लगाया जा सकता है, उनके मत में कोई व्यक्ति सामंतवादी पैदायशी नहीं, बल्कि मानसिकता से होता है. किसी व्यक्ति को उसके जीवन मूल्य, जीवन शैली और व्यवहार से जाना जाता है. उन्होने कहा कि उन्हें यह कहने में कतई संकोच नहीं है कि प्रदेश की भाजपा सरकार के मंत्रिमण्डल में बैठे लोग सामंती हैं. एक संवाददाता द्वारा प्रश्न पूछे जाने के दौरान सिंधिया को ‘महाराज’ कहकर संबोधित किए जाने पर उन्होने जोर देकर कहा, ‘‘आपको बता दूं, मेरा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया है’’.
यह पूछने पर कि उनके स्वागत में शहर में लगे होर्डिग्स, बैनर एवं पोस्टरों में उन्हें ‘श्रीमंत’ के नाम से संबोधित किया गया है, इस पर उनका क्या कहना है, सिंधिया ने कहा, ‘‘मैं इसका सख्त विरोधी हूं, मैंने सबसे कहा है कि मुङो मेरे नाम से ही संबोधित किया जाए। मैं आधुनिक भारत का नागरिक हूं और यहां मैने पढ़ाई की है और नौकरी भी की है, उसके बाद मैं राजनीति में आया हूं’’.