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मंत्रिमंडल ने बाल श्रम कानून में बदलाव को दी मंजूरी
नयी दिल्ली : सरकार ने आज एक कानून संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसके तहत 14 साल के कम उम्र के बच्चों को कुछ शर्तों के आधार पर सिर्फ पारिवारिक उद्यम या मनोरंजन उद्योग में काम करने की मंजूरी होगी. अन्य जगहों पर बाल श्रमिकों को रोजगार में लगाने की पूरी तरह प्रतिबंध होगी. […]
नयी दिल्ली : सरकार ने आज एक कानून संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसके तहत 14 साल के कम उम्र के बच्चों को कुछ शर्तों के आधार पर सिर्फ पारिवारिक उद्यम या मनोरंजन उद्योग में काम करने की मंजूरी होगी. अन्य जगहों पर बाल श्रमिकों को रोजगार में लगाने की पूरी तरह प्रतिबंध होगी.
मूल बाल श्रम कानून में 14 साल से कम उम्र के बच्चों पर सिर्फ 18 जोखिमपूर्ण उद्योगों में रोजगार पर रखने की पाबंदी है. संशोधनों से यह भी साफ किया गया है कि 14-18 साल के बीच के बच्चों को जोखिमपूर्ण उद्योगों में काम करने की अनुमति नहीं है.
श्रम कानून में बदलाव के तहत नियमों के उल्लंघन की स्थिति में नियोक्ताओं को सख्त दंड देने का भी प्रावधान है. पहली बार अपराध करने के मामले में माता-पिता पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा लेकिन नियोक्ताओं का पहला अपराध भी दंडनीय होगा.
माता-पिता के मामले में दोबारा गलती करने की स्थिति में 10,000 रुपए का जुर्माना लगेगा. पहले अपराध में नियोक्ता पर जुर्माना ढाई गुना बढाकर अब 50,000 रुपए कर दिया गया है जो फिलहाल 20,000 रुपए है.
कानून तोडकर किसी बच्चे या किशोर-किशोरी नियुक्त करने के दूसरे या बाद के मामले में न्यूनतम एक साल की जेल होगी जिसे बढाकर तीन साल किया जा सकता है.
इससे पहले बच्चों को काम पर लगाने के मामले में कानून के दूसरी बार या बाद के उल्लंघनों के लिए न्यूनतम छह माह की सजा थी जिसे अब बढा कर दो साल तक करने का प्रावधान किया जाएगा.
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