नयी दिल्ली: केंद्र के भूमि अधिग्रहण विधेयक को ‘‘किसान विरोधी’’ बताते हुए भाकपा ने आज कहा कि इसके खिलाफ वह 14 मई को देशव्यापी प्रदर्शन करेगी.पार्टी ने बताया कि दिल्ली में वरिष्ठ भाकपा नेताओं ने जंतर मंतर के पास संसद मार्ग पर रैली का आयोजन करेंगे , वहीं देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा.
पार्टी महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम किसान विरोधी विधेयक के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के मकसद से प्रदर्शनों का आयोजन करने वाले हैं. भाकपा की तरफ से यह एक स्वतंत्र गतिविधि होगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है.’’ उन्होंने केंद्र के प्रस्ताव में किसानों की रजामंदी को जरुरी बताने वाले और भूमि अधिग्रहण से पहले इसके सामाजिक प्रभाव का आकलन करने संबंधी प्रावधान को हटाए जाने पर आपत्ति जताई जो इसी संबंध में पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल में 2013 में पेश प्रस्ताव में शामिल थे.
उन्होंने उल्लेख किया कि प्रस्तावित अधिनियम में कहा गया है कि यदि अधिगृहित भूमि का पांच सालों तक इस्तेमाल नहीं होता तो इसे इसके मूल मालिक को वापस करना जरुरी हो जाता है लेकिन राजग सरकार ने इस प्रावधान को भी हटा दिया है.
1991 में भारत में आर्थिक सुधार शुरु होने से अब तक इसकी कृषि भूमि में 7.24 करोड एकड की कमी आने पर भाकपा नेता ने चिंता जताई. उन्होंने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार से उद्योग लगाने में उपजाऊ भूमि के बजाय सार्वजनिक भूमि के प्रयोग का सुझाव दिया.
पार्टी ने विधेयक पर विरोध जताते हुए कहा कि इस साल के आखिर में निर्धारित बिहार विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा उनके एजेंडे में शीर्ष पर होगा.