नयी दिल्ली : लोकसभा में आज अध्यापक दिवस पर समाज और राष्ट्र के निर्माण में अध्यापकों के अमूल्य योगदान को याद किया गया.सुबह सदन की बैठक शुरु होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि समाज में अध्यापकों के कंधों पर भावी पीढ़ियों के चरित्र निर्माण की महत्ती जिम्मेदारी होती है. वे न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि युवाओं की विचार प्रक्रिया को भी आकार प्रदान कर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं. अध्यक्ष ने कहा कि अध्यापक युवाओं के विचारों का पोषण करते हैं और उनमें अपने सपनों को पूरा करने की उत्कंठा पैदा करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ आइए, इस अवसर पर हम आभार के साथ हमारे देश के समाज में अध्यापकों के अमूल्य योगदान को नमन करें.’’ सभी सदस्यों ने मेजें थपथपाकर अध्यक्ष की बात का समर्थन किया. उल्लेखनीय है कि पांच सितंबर को देश के पूर्व राष्ट्रपति डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर इस दिन को देश में शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है. शून्यकाल में भी कुछ सदस्यों ने शिक्षक दिवस पर समाज के प्रति अध्यापकों के योगदान को याद किया.
तृणमूल कांग्रेस की डा रत्ना डे ने भी शून्यकाल के दौरान अध्यापकों को नमन करते हुए कहा कि आज हम सभी अपने अध्यापकों द्वारा प्रदान की गयी शिक्षा के कारण यहां तक पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षक न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि वे छात्रों के चरित्र का भी निर्माण करते हैं. कांग्रेस की अनु टंडन ने भी शून्यकाल में शिक्षक दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में प्रशिक्षित जूनियर शिक्षकों को लंबे समय से वेतन नहीं मिलने का मुद्दा उठाया.