नयी दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन संबंधी फाइलों के गायब होने, गुजरात के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग तथा कुछ समुदायों को आरक्षण सूची में शामिल करने सहित अलग अलग मुद्दों पर आज विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
बैठक शुरु होने पर कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग उठाई. उनके हाथों में पोस्टर भी थे. भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने कोयला ब्लॉक आवंटन संबंधी फाइलों के गायब होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस कोयला घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी प्रधानमंत्री से पूछताछ करना चाहते हैं क्योंकि जब कोयला ब्लॉक आवंटन हुआ था तब कोयला मंत्रालय का जिम्मा प्रधानमंत्री के पास था.
उनकी पार्टी के सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया. सपा सदस्यों ने कुछ समुदायों को आरक्षण सूची में शामिल करने का मुद्दा उठाया और अपनी मांग के समर्थन में नारे लगाते हुए अपने स्थानों से आगे आ गए. बसपा सदस्यों ने सपा पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चार साल पहले जब उनकी पार्टी की सरकार थी तब इस बारे में प्रस्ताव पारित किया जा चुका है. उधर तेदेपा सदस्य तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में पोस्टर लिए हुए थे.
सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से सदन में पोस्टर नहीं दिखाने और शांत रहने की अपील की. हंगामे के बीच ही उन्होंने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने बैठक 11 बज कर 2 मिनट पर ही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. एक बार के स्थगन के बाद बैठक जब दोबारा शुरु हुई तब भी सदन में वही नजारा देखा गया. सपा और बसपा सदस्य अपनी अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गए.
उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि आज सदन में भूमि अधिग्रहण विधेयक पर चर्चा होनी है. उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विधेयक है और उम्मीद है कि सभी सदस्य इस विधेयक को पारित कराने में सहयोग करेंगे. लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 20 मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.