नयी दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की एक बार फिर मांग की है. इस बार उन्होंने यह मांग अखिलेश यादव सरकार के कुछ मंत्रियों की विवादास्पद टिप्पणियों के मद्देनजर की है.
मायावती ने यहां संसद परिसर में आज संवाददाताओं से कहा, “इसके लिए और क्या सबूत चाहिए. राज्यपाल को हमारी ओर से पत्र लिखे जाने के बाद इस तरह की घटनाएं (मंत्रियों की टिप्पणियां ) सामने आ रही हैं जो हमारे रुख को सही ठहराती हैं. अब राज्यपाल को देर नहीं करनी चाहिए और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए.”
वह पिछले सप्ताह राज्यपाल बी एल जोशी से मिली थीं. उनहोंने राज्यपाल से कहा था कि वह राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करें. मायावती का दावा है कि कानून व्यवस्था की खराब स्थिति के कारण राज्य में संवैधानिक संकट है. उत्तर प्रदेश के वस्त्र मंत्री शिव कुमार बेरिया ने कल यह कहकर विवाद खडा कर दिया था कि कोई भी पुलिस वाला उनके आदेश के बिना कुछ नहीं कर सकता. प्रदेश के सामाजिक कल्याण मंत्री राम मूर्ति वर्मा ने भी कहा है कि राज्य में कोई भी ताकत अपराध नहीं रोक सकती. अपराध होते रहेंगे. लद्दाख में चीन की घुसपैठ की खबरों के बारे में पूछने पर मायावती ने कहा कि केंद्र को गंभीरता से समय पर कदम उठाना चाहिए अन्यथा हालात खराब हो सकते हैं.