* राजधानी में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में जन्माष्टमी के मौके पर पूरा आलम कृष्णमय हो गया. बड़ी संख्या में लोग मंदिरों में कान्हा के दर्शन करने और नन्दलाला को झूला झुलाने पहुंचे.
पार्थसारथी के जन्मोत्सव की शुरुआत श्रद्धालुओं ने व्रत के साथ की. पूरे दिन व्रती रहने के बाद मध्य रात्रि में कृष्ण लला के जन्म के उपरांत उनकी पूजा करके भोग एवं प्रसाद ग्रहण करने का विधान है.
शहर के विभिन्न इलाकों में यशोदा के लाल की बाल लीला और अन्य कलाओं पर आधारित नाटकों, नृत्य नटिकाओं और सांस्कृतिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. राजधानी के सभी बाजार आज त्योहार के रंगों में रंगे नजर आए.
ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर और मध्य दिल्ली स्थित बिड़ला मंदिर में सुबह से ही बांके बिहारी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी. कुछ इलाकों में युवकों ने ‘दही हांडी’ कार्यक्रम का भी आयोजन किया. इसमें स्थानीय युवक माखन चोर की तरह कुछ भी करके माखन की हांडी तक पहुंचते हैं और जो दल सफलतापूर्वक माखन की हांडी फोड़ता है उसे कई तरह के इनाम दिए जाते हैं.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देशवासियों को जन्माष्टमी पर्व की शुभकामनाएं दीं और अपने संदेश में आशा व्यक्त की कि आज के इस पावन दिन लोग मन, वचन और कर्म में नेकी के रास्ते को अपनाएंगे.
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा, ‘‘जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हृदय से शुभकामनाएं और बधाई देता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस पवित्र दिन हमें भगवान कृष्ण के संदेश को याद करना चाहिए जो सदियों से मन, वचन और कर्म में नैतिक गुणों तथा नेकी के पथ पर चलने की प्रेरणा देते हैं.’’
प्रणब ने अपने शुभकामना संदेश में कहा, ‘‘भगवान कृष्ण का ‘निष्काम कर्म’ या बिना फल की चिंता किये कर्म करने का संदेश हम सभी को संगठित होकर और निस्वार्थ भाव से अपने देश में शांति, समृद्धि और प्रगति के लिए काम करने को प्रेरित करता रहे, यही कामना है.’’