23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

23 देशों ने यमन से अपने नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए भारत से मदद मांगी

नयी दिल्लीः यमन से भारतीयों की सुरक्षित रिहाई से प्रेरित हो 23 देशों ने भी अपने-अपने नागरिकों की यमन से सुरक्षित रिहाई में सहयोग के लिए भारत से आग्रह किया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि 23 देशों ने यमन से अपने-अपने नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए भारत से आग्रह किया […]

नयी दिल्लीः यमन से भारतीयों की सुरक्षित रिहाई से प्रेरित हो 23 देशों ने भी अपने-अपने नागरिकों की यमन से सुरक्षित रिहाई में सहयोग के लिए भारत से आग्रह किया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि 23 देशों ने यमन से अपने-अपने नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए भारत से आग्रह किया है.
इसके पहले आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अरब देश से लोगों को सुरक्षित भारत लाने के अभियान में शामिल नौसेना की जमकर तारीफ भी की. यमन में सुरक्षा बलों और हूथी विद्रोहियों के बीच लडाई चल रही है. पहले ‘स्कॉर्पीन’ पनडुब्बी को डॉक से हटाने के काम को देखने गए पर्रिकर ने कहा, ‘‘आज शाम तक लगभग सभी भारतीयों को संकटग्रस्त यमन से बाहर निकाल लिया जाएगा.’’ ‘ऑपरेशन राहत’ नाम के अभियान के तहत यमन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने जैसा ‘‘बहुत बडा काम’’ करने के लिए नौसेना की तारीफ करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘‘अब तक हम 3,000 भारतीयों और कुछ विदेशी नागरिकों को बाहर निकाल चुके हैं.’’
उन्होंने कहा कि एक भी भारतीय के हताहत हुए बिना अभियान प्रभावी तरीके से चलाया जा रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘यूं तो स्थिति बहुत उथल-पुथल वाली है लेकिन भारतीय नौसेना की ओर से एक भी गोली नहीं चलाई गई है. हालांकि, पर्याप्त तैयारियां की गई थी.’’
यह अभियान 30 मार्च को शुरु किया गया था और नौसेना ने वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ‘आईएनएस तरकश’, ‘आईएनएस मुंबई’ और ‘आईएनएस सुमित्र’ नाम के अपने जहाज भेजे थे. जिबूती से भारतीयों को वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना ने सी-17 ग्लोबमास्टर नाम का अपना विमान तैनात किया था. भारतीयों को यमन से जिबूती लाया गया था. इस बीच, यमन से वापस लाए गए भारतीयों के एक समूह ने केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में कहा कि उनके साथ के 90 फीसदी से ज्यादा लोग अब भी यमन के सादाह में फंसे हुए हैं और सरकार उन्हें वापस लाने के लिए तत्काल दखल दे.
अपनी वापसी पर खुशी जाहिर करते हुए इन लोगों ने कहा कि उनके साथी अभी जिस जगह पर फंसे हैं वह न केवल एक सुदूर क्षेत्र है, बल्कि एक ऐसी जगह है जहां सउदी अरब की ओर से भीषण हवाई हमले किए जा रहे हैं. उन्होंने एक प्रेस वार्ता में कहा कि फंसे हुए ज्यादातर मलयाली सादाह में हैं जहां वह एक अस्पताल में काम करते थे. उन्होंने कहा कि उनका पूरा ब्योरा वे भारतीय दूतावास के अधिकारियों को पहले ही सौंप चुके हैं.
यमन में एक गिरजाघर के पादरी फादर विजय वर्गीज ने कहा, ‘‘यमन में 3,500 से 4,000 केरलवासी थे. हमारी सूचना के मुताबिक, उनमें से ज्यादातर वह जगह छोड चुके हैं.’’ उन्होंने कहा कि सादाह के अस्पताल में काम करने वाले केरलवासी वापस तो आना चाहते हैं लेकिन बकाये वेतन और सडक से सफर करने में जोखिम की वजह से वे भ्रमित हैं.
यमन की राजधानी सना में केरल क्लब के सदस्य टी वी पुष्करण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि फंसे हुए लोगों से उनका संपर्क लगातार हो रहा था और दूतावास ने उन्हें जल्द से जल्द निकालने का भरोसा दिलाया था. उन्होंने कहा, ‘‘सादाह एक सुदूर जगह है जो हवाई अड्डे या बंदरगाह से जुडा नहीं है. लिहाजा, उन्हें सडक के जरिए सना आना होगा जिसमें तीन घंटे से ज्यादा का समय लगेगा. वहां से वे जिबूती पहुंच सकते हैं और फिर भारत आ सकते हैं.’’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें