नयी दिल्ली : भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध समाप्त हो गया है और घुसपैठिये चीन के सैनिक वापस अपनी सीमा में लौट गये हैं, लेकिन सूत्रों के प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिए भारत ने बडी कीमत चुकायी है.
कहा जा रहा है कि भारत को चुमार में अपना बंकर नष्ट करना होगा, कहने का आशय यह है कि भारत को अपनी जमीन से पीछे हटना होगा. हालांकि विदेश मंत्रालय इस तरह की खबरों को नकार रहा है और उसका कहना है कि हमने चीन के साथ कोई समझौता नहीं किया है.
सरहद पर 21 दिनों से बने गतिरोध को खत्म करने में शामिल सुरक्षा बलों के करीबी सूत्रों और वहां की भौगोलिक स्थिति को करीब से जानने वाले स्थानीय लोगों ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया कि चीनी सेना लद्दाख के देपसांग से तब गई, जब इंडियन आर्मी चुमार से बंकर नष्ट करने के लिए राजी हुई. भारतीय सेना के बंकर हटाने के फैसले से सवाल पूछे जाने लगे हैं कि क्या चीन से जारी तनाव को खत्म करने के लिए जल्दीबाजी में यह कदम उठाया गया है.
चीन ने शर्त रखी थी कि नई दिल्ली पूर्वी लद्दाख में स्थायी निर्माण का काम बंद करे और भारतीय सेना काराकोरम हाईवे पर नजर रखने की अनुमति दे. इस शर्त पर ही चीन सीमा पर 15 अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने के लिए राजी था. सूत्रों ने बताया कि भारत को चीन के आक्रामक दखल को अस्थायी तौर पर रोकने के लिए बंकर नष्ट करने का फैसला लेना पड़ा जो कि बड़ी कुर्बानी नहीं है.
ऐसा दावा किया जा रहा है कि भारत ने ये बंकर चीन को घुसपैठ का जवाब देने के लिए बनाया था. चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बनाए गए रणनीतिक बंकरों को खत्म करने से दैनिक सीमा गश्ती दल पर भारत की कवायद प्रभावित होना लाजिमी है.